आज भारत ही नहीं पूरी दुनिया क’रोना के चपेट में है। यह क’रोना का दूसरा साल है। हमलोग 2सालो से क’रोना से परेशान है। जब हम यह मान चुके थे, कि क’रोना चला गया, वही हमें यह दूसरे साल भी क’रोना का सामना करना पड़ रहा है। सभी के जीवन अस्त-व्यस्त हो गई है। क’रोना के कारण जहां-तहां लाशों के ढेर देखने को मिल रहे है।
घबराहट, लोगों की रोने की आवाज, चीख-पुकारे, चारों तरफ तकलीफ और चित्कार फैली हुई है। हम चाह कर भी इसमें कुछ नहीं कर सकते। हमारा खुद का बचाव ही क’रोना को खत्म कर सकता है। क’रोना के वजह से हम 2सालो से हर त्योहार अच्छे से नही मना पा रहे हैं। यह साल पिछले साल के क’रोना के मुक़ाबले ज्यादा भयावह है।
इस साल ज्यादा क’रोना संक्रमितों की मौत हो रही है, जब कि पीछले साल ज्यादा लोग ठीक हो जाते थे। इस साल ऑक्सीजन की भी भयंकर कमी हो रही है। पहले तो बस पानी बिकता था, पर अब हवा भी बिकने लगे है ऑक्सीजन सिलेंडर के रूप मे। क’रोना मरीजो के लिये बेड की कमी हो गई है। अस्पतालों में जगह नही है। पूरी दुनिया बहूत ही भयावहः स्तिथि का सामना कर रही है। बच्चे, बूढ़े, जवान सब परेशान है, क’रोना से।

सुनने को मिला है कि बुजुर्गों की इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होता है, इसीलिये क’रोना बुजुर्गों पर ज्यादा असर करता है। ऐसी भयावहः स्तिथि में सकारात्मक और प्रेरणादायक कहानी देमंती देवी का देखने को मिला है। देमंती देवी 105 वर्षीय बुजुर्ग महिला है, जो बिहार की राजधानी पटना के आशियाना नगर रहने वाली है। सामंती देवी को कुछ दिनों पहले क’रोना हुआ था लेकिन वो क’रोना से हार नही मानी और खुद होम आइसोलेशन में रहने लगी।
68 वर्षिय डॉक्टर डीएन अकेला, देमंती देवी उनकी माँ है। उनकी पत्नी 61 वर्ष की है। डीएन अकेला को 11 अप्रैल को पता चला की उनका पूरा परिवार कोरोना पोजेटिव है। अकेला को बहुत घबराहट हो गई थी उनकी माँ को लेकर क्योंकि उनकी माँ बहुत बूढ़ी थी लेकिन उन्होंने अपना हौसला बरकरार रखा।
उन्होंने अपनी माँ और अपनी पत्नी का इलाज़ खुद शुरू कर दिया। सही ढंग से इलाज़ करने पर 22 अप्रैल को पूरे परिवार का क’रोना नेगेटिव आया। देमंती देवी का क’रोना से जंग जीत जाना हमारे लिए एक प्रेरणा है।