कहा जाता है कि आपका मन जिस काम को करने में लगे वही काम करना चाहिए। अपने पसंदीदा काम को करने से ही कोई इंसान आगे बढ़ पाता है। जिस काम में मन ही न लगे उस काम को करने से क्या फायदा। उससे इंसान कभी आगे भी बढ़ नही पाता है।
आज हम आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने काम को ईमानदारी से अंजाम दिया। अपने पसंदीदा काम के लिए अपनी अच्छी नौकरी का त्याग कर दिया और खुद की दुकान शुरू की। (Engineer chai wala) आइये जानते हैं उनके बारे में।
नौकरी का त्याग किया
पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर छिंदवाड़ा के अंकित नागवंशी (Ankit Nagwanshi) एक ऐसे ही व्यक्ति हैं जो अपनी सीट पर आने वाली दो वक्त की चाय से काफी नाखुश थे और इस परेशानी का हल नहीं मिलने पर उन्होंने अपनी उस नौकरी को अलविदा कह दिया, जिससे वो अच्छी तनख़्वाह (Salary) पा रहे थे।

चाय की स्टॉल लगाया
नौकरी के दौरान हर रोज़ उनकी सीट पर दो कप चाय का आना मानों उन जरूरी कामों में से एक था, जो वह अपने ऑफिस (Office) में करते थे। अंकित चाय को दिन की सबसे जरूरी चीज़ों में से एक मानते हैं। एक कप चाय की प्याली उन्हें काफी सुकून देने के साथ ही काम के लिए प्रेरित भी करती है।

चाय में नही मिला सुकून
अंकित के ऑफिस में मिलने वाली चाय उन्हे वह सुकून नहीं दे पाती थी, जिसकी तलाश में अंकित रहते थे। एक दिन चाय उनके पास पहुंची तो उन्होंने चाय लेकर आने वाले व्यक्ति से उनकी इनकम के बारे में पूछा। चाय लेकर आए व्यक्ति की इनकम को जानकर अंकित हैरान रह गए। उस व्यक्ति की इनकम उनकी उम्मीद से कहीं ज्यादा थी, लेकिन फिर भी उस चाय में वह स्वाद नहीं था जिसकी चाह अंकित को हुआ करती थी।

इंजीनियर चाय वाला बनें अंकित
अंकित ने अचानक ही अपनी नौकरी से इस्तीफा देकर ‘इंजीनियर चायवाला’ (Engineer chai wala) के नाम से अपनी चाय के स्टॉल की शुरुआत कर दी। अंकित अपनी टी-स्टॉल पर तीन तरह की चाय के साथ पोहा भी रखते हैं। इंजीनियर चायवाला टी- स्टॉल पर इम्यूनिटी चाय कि कीमत 8 रुपये, साऊथ इंडियन कॉफी कि कीमत 15 रुपये, मसाला चाय कि कीमत 8 रुपये और नागपुरी तर्री पोहे कि कीमत 12 रुपये है।

प्रसिद्ध हुए अंकित
अंकित के टी-स्टॉल को उनकी चाय के स्वाद के साथ ही उनके स्टॉल पर लिखा उनका परिचय प्रमाण भी आकर्षण का केंद्र बनाता है। अंकित अपनी टी-स्टॉल पर लिखते हैं- वैसे तो मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ। मैं कई कंपनियों जैसेः विप्रो, बिज़नेस इंटेलीजेंस और ट्रस्ट सॉफ्टवेयर में काम कर चुका हूँ।

नौकरी में सुकून नही मिला
अंकित कहते हैं कि जहां पर वह काम करते थे वहां पैसे तो मिलते थे लेकिन सुकून नहीं मिलता था। अंकित हमेशा से ही बिज़नेस करना चाहते थे। हर रोज़ उनकी टेबल पर चाय आती थी लेकिन उन्हें कभी बेहतरीन चाय नहीं मिली। वह कहते हैं कि मैं हमेशा से ही चाय का शौकीन रहा हूँ। मैं चाहता था कि एक लाज़वाब चाय पीने को मिले, तो मैने चाय के स्टॉल से ही अपने छोटे से बिज़नेस की शुरुआत की है।
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