आजकल शादियों में दूल्हा-दुल्हन रंग बिरंगे कपड़े और गहने पहनकर सजते-संवरते है। अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए लाखों रूपये खर्च करने से भी पीछे नहीं हटते है। वर्तमान समय में लोग सीरियल, सिनेमा देख कर अपने रीति-रिवाज एवं पारंपरिक ढंग को छोड़ कर शादी समारोह को नए ढंग से मनाते है लेकिन आज हम आपको मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के एसडीओपी संतोष पटेल (SDOP Santosh Patel) के बारे में बताएंगे, वह बड़े पद पर होते हुए भी अपनी संस्कृति और संस्कारों को कायम रखते हुए अपनी शादी पारंपरिक ढंग से किया है। आइए जाने पूरी ख़बर।
SDOP संतोष पटेल की थी यह शादी
मध्य प्रदेश (madhya Pradesh) के बुंदेलखंड के पन्ना जिले के निवाड़ी के पृथ्वीपुर के एसडीओपी संतोष पटेल (SDOP Santosh Patel) ने आधुनिक परंपराओं से परे होकर अपने विवाह समारोह में पुराने परंपराओं को जीवित रखा।उन्होंने हजारों वर्ष पहले की चली आ रही वैवाहिक परंपरा को कायम रखते हुए सिर पर खजूर के पत्तों का मुकुट पहनकर सजे हुए थे एवं दुल्हन भी भारतीय रीति रिवाज के अनुसार साड़ी में सीधे पल्ले की चुनरी पहनी हुई थी। यहां तक की दूल्हा एवं दुल्हन को लाने और ले जाने के लिए बड़ी एवं महंगी गाड़ी के बदले पालकी की व्यवस्था की गई थी।

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पुरानी परंपराओं में की गई शादी
इस प्रकार की अनूठी शादी से लोगों को पुराने जमाने की शादी की याद आ गयी। दूल्हा सेहरा के बदले खजूर के पत्तों से बने मुकुट पहने बड़ी सादगी भरे पुरातन परंपराओं से विवाह उत्सव मनाया और दुल्हन को ले जाने के लिए प्रदूषण से मुक्त सवारी साइकिल पर दूल्हा-दुल्हन सवार हो गए।
लोगों के लिए बने प्रेरणा
इस प्रकार से सादे ढंग से की गई शादी समारोह में आए लोगों के लिए यह शादी चर्चा का विषय बन गया। इतने बड़े ओहदे पर होते हुए भी उन्होंने अपनी शादी पुराने ढंग के रीति-रिवाज से किया और लोगों को प्रेरणा देते हुए यह दिखाने का प्रयास किया कि कम खर्चे में भी शादी को हम उत्सव की तरह मना सकते हैं। जिनके पास शादी में खर्च करने के लिए अधिक पैसे नहीं होते वह शादी में कर्ज़ ले कर भी शादी में लाखों रुपये ख़र्च करने से पीछे नहीं हटते है, लेकिन शादे ढंग से भी शादी उत्सव की तरह मनायी जा सकती है, यह सडीओपी संतोष पटेल ने साबित कर दिया।