पटना के जाने माने शिक्षक आनंद कुमार का कहना है कि शिक्षा ही मनुष्य को उसके मुक़ाम तक पहुँचाता है। उनका उद्देश्य प्रत्येक बच्चे को शिक्षित करना है। आनंद कुमार जरूरतमंद और गरीब बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करते आ रहे हैं। उनके पढ़ाये विद्यार्थी आज एक से बढ़ के एक पोजीशन पर हैं। इसी बीच एक ऐसा वाक्य हुआ जिसने उन्हें चौंका दिया…
कुछ दिनों पहले एक पुस्तकालय का उद्घाटन कर रहे आनंद कुमार के पैर एक लड़की ने पकड़ लिया। जब आनंद सर ने पूछा कि आप कौन हैं, तब उस लड़की ने कहा कि मैं आपकी स्टूडेंट प्रीति कमल हूँ। मैं BPSC क्वालिफ़ाई कर DSP बन गयी हूँ। यह सुनकर एक समय के लिए तो आनंद सर भौंचक्के राह गए। जब उन्होंने दिमाग पर जोर डाला तब वो उनको पहचान सके।

आज पटना साहिब के गरीब बस्ती में पुस्तकालय के उद्घाटन के दरमियान भीड़ से निकलकर मेरे पास एक बच्ची ने आकर मेरे पैर छूते हुये कहा कि सर मैं प्रीति कमल, आपकी स्टूडेंट और इसी साल BPSC क्वालीफाई करके DSP बन गयी हूँ | (1/2) #bpscResult #success #super30 pic.twitter.com/qZR6qFtPTZ
— Anand Kumar (@teacheranand) August 8, 2021
मैंने उससे कहा कि अब तुम्हारा धर्म सबसे आखरी पायदान पर खड़े आदमी को न्याय दिलवाना है | मैं भावनाओं से ओतप्रोत हो गया जब उसने जवाब दिया कि सर मैंने आपसे यही तो सीखा है | (2/2)
— Anand Kumar (@teacheranand) August 8, 2021
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यह घटना इतना जल्दी हुआ कि लोग समझ नहीं पा रहे थे कि यह क्या हो रहा है। इस घटना के बाद लोग आनंद कुमार एवं उनकी छात्रा का तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। आनंद कुमार ने भी अपनी होनहार छात्रा के बारे में ट्विटर पर लिखा है कि पटना साहिब के गरीब बस्ती में पुस्तकालय के उद्घाटन के दौरान लोगो के बीच से निकल कर मेरे पॉव छूते हुए इस लड़की ने कहा कि मैं आपकी छात्रा प्रीति कमल हूँ। मैंने इसी वर्ष BPSC परीक्षा की है और मैं DSP बन गई हूँ। तब मुझे अपनी छात्रा एवं उसके संस्कार पर गर्व हुआ।
मैंने उससे कहा कि समाज के आखिरी पायदान पर खड़े आदमी को न्याय दिलाना तुम्हारा धर्म है। सदा अपने कर्तव्य का निष्ठा से पालन करना। तब उस छात्रा ने जवाब में कहा कि इतने गुण और संस्कार मैंने सर आपसे ही सीखा है। अपने कर्म और धर्म का पालन करना ही मनुष्य का संस्कार है।