पढ़ाई के नाम पर सुविधाओं की कमी का हवाला देने वाले उन छात्रों के लिए यह कहानी एक मिसाल जैसी है। अभावों के बीच पले-बढ़े इस इंसान ने सफलता की इबारत लिख दी। गरीबी इनकी मंजिल की राह में बाधा नहीं बन पाई। आइये जानते है एक ऐसे ही इंसान के बारे में जिनका जन्म एक किसान परिवार में हुआ पर अपने मेहनत के दम पर आज वो IAS अधिकारी है।
कौन है प्रदीप कुमार द्विवेदी ?
प्रदीप बुंदेलखंड के एक छोटे से गांव के रहने वाले है। उनके पिता किसान हैं, और प्रदीप के घर में खेती का काम होता है। एक साधारण परिवार में जन्म लेने वाले प्रदीप के पढ़ाई में गरीबी कभी बाधा नही बनी। अपने मेहनत के दम पर वो UPSC में सफल हुए। 74वीं रैंक के साथ IAS पद के लिए चयनित हुए।

जानिए कैसे प्राप्त की प्रदीप ने अपनी शुरुवाती शिक्षा
एक साधारण विद्यालय से प्रदीप ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। स्कूल के बाद प्रदीप इंजीनियरिंग करने भोपाल चले गए और वहां से अपना स्नातक पूरा किया। स्नातक के तुरंत बाद प्रदीप की भोपाल में ही बिजली विभाग में नौकरी लग गई। यही वो समय था जब उनको पहली बार UPSC का ख्याल आया।

कई असफलताओं से गुजरे प्रदीप।
प्रदीप कई असफलता के दौड़ से गुजरे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। गिरे लेकिन फिर उठ खड़े हुए और तब तक कोशिश की जब तक मंजिल मिल नहीं गई। UPSC की परीक्षा पास करने के क्रम में उन्हें कई असफलता भी मिली मगर उन्होंने हार नही मानी। पहले प्रयास में उन्हें असफलता मिली। जब उन्होंने दूसरा प्रयास किया तो उनका चयन हो गया। जबकि उनकी रैंक 491 थी जिसकी वजह से उन्हें आईएएस का पद नहीं मिला। ऐसे में उन्होंने एक बार और प्रयास करने का मन बनाया। इस बार किस्मत ने भी उनका साथ दिया और उनकी रैंक 74 रही। इस तरह उन्हें IAS का पद मिल गया और उनका UPSC का सफर पूरा हो गया।

किसी कोचिंग का नही लिया सहारा।
उन्होंने UPSC परीक्षा के लिए किसी प्रकार की कोई कोचिंग जॉइन नही की। और उन्होंने इसे जरूरी भी नहीं माना। प्रदीप कहते हैं कि अगर आप एक ऐसी जगह से हैं जहां कोचिंग की सुविधा नहीं है तो बिलकुल परेशान न हों। इंटरनेट ने दुनिया को इतनी छोटी कर दी है कि कहि से भी आप सभी प्रकार की सामग्री, गाइडेंस वगैरह पा सकते हैं। एक अच्छा इंटरनेट कनेक्शन आपके पास होना चाहिए और उसके इस्तेमाल के समय सिलेक्टेड टॉपिक ही देखें।
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IAS प्रदीप की कहानी उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणादायी है, जिनके पास सुबिधाओं की कमी तो है मगर कुछ कर जानें कि सच्ची लगन है। जिंदगी में कुछ हासिल करने के लिए दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत की ज़रूरत है। अगर आपको ये कहानी अच्छी लगी हो तो शेयर करें।