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Wednesday, May 31, 2023

कुछ अलग करने के चक्कर में किया ‘केंचुआ खाद’ का बिजनेस, कुछ ही सालों में बन गयीं करोड़पति

हर मनुष्य की चाह होती है कि वह पढ लिखकर एक सफल इंसान बने। आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताएंगे जो इंजीनियरिंग और डॉक्टरी की पढ़ाई करने के बाद खेती को अपना व्यवसाय बना ली और उससे अच्छी खासी कमाई करने लगी। आइये जानते उस लड़की के बारे में।

सना खान का परिचय

मेरठ की रहने वाली सना खान ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद जैविक खाद का काम शुरू किया। केवल 5 किलो केंचुए और गोबर की मदद से आज वह साल के करोड़ों रुपयों का टर्नओवर कर रही हैं। उनके इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा स्वंय प्रधानमंत्री मोदी भी अपने कार्यक्रम मन की बात में कर चुके हैं।

ऐसे की थी शुरूआत

सना खान ने B.Tech के बाद अपना खुद का कारोबार शुरू करने का फैसला किया था। पांच किलो केचुए खरीदकर जैविक खाद बनाने का कम शुरू किया। मात्र छह वर्षों में सना के जैविक खाद का कारोबार करोड़ों के टर्नओवर तक पहुंच गया है। सना खान डॉक्टर बनना चाहती थीं, लेकिन अच्छी रैंक नहीं आने की वजह से उन्होंने बीटेक इन बायोटेक्नोलॉजी में एडमिशन ले लिया।

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जानिए कैसे आया यह काम करने का आईडिया

जब सना फाइनल ईयर में थीं तो उन्होंने अपने कॉलेज में वर्मीकम्पोस्टिंग के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया लेकिन यह कैसे किया जाता है, इसके बारे में उन्हें पहले से कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद सना ने इससे जुड़ी जानकरी एकत्र की। वो गांव-गांव जाकर इस के बारे में जानकारी जुटाती रही। जैसे-जैसे सना ने इस वर्मीकम्पोस्टिंग से होने वाले फायदे को देखना शुरू किया, उनकी दिलचस्पी इसमें और भी बढ़ने लगी।

लोगों की बातों पर नही दिया ध्यान

सना जब गांव में अपनी साइट पर जाती थी तो लोग उन्हें देखकर तरह-तरह की बातें करते थे। लोग उन्हें पागल कहते थे। शुरुआती दिनों में उन्हों 14 किमी दूर गांव में जाना होता था। उस वक्त वह पैदल ही जाती थी। जब सना ने प्रोडक्ट बेचना शुरू किया और इसके साथ साथ किसानों को इसके फायदे बताए तो वो कहते थे ‘ये तो अपना प्रोडक्ट बेचने के चोचले हैं’ हमें गोबर बेच रही है, हम क्यों खरीदें।’ इसके बाद उन्होंने ब्रांडिंग शुरू की और एक-एक किलो के पैकेट बनाकर मार्केट में बेचने शुरू किए। इससे उन्हें अच्छा रिस्पांस मिलने लगा तो उन्होंने पैकेजिंग पर ही फोकस किया।

ऐसे शुरू की कंपनी

वर्मीकम्पोस्टिंग के प्रति रुचि बढ़ती देख सना ने वर्मीकम्पोस्टिंग का बिजनेस शुरू किया। 6 साल पहले मात्र 5 किलो केंचुआ से शुरू हुए वर्मीकम्पोस्टिंग के बिजनेस का सालाना टर्नओवर अब एक करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। इसके अलावा उन्होंने अपनी कंपनी में करीब 25 लोगों को रोजगार भी दिया है। सना खान मेरठ के जीआईसी कॉलेज की ज़मीन पर खेत में अपनी कंपनी ‘एसजे ऑर्गेनिक्स’ के जरिए पारंपरिक तरीकों से वर्मीकम्पोस्ट (केंचुआ खाद) तैयार करती हैं।

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मार्केट में बनाई पहचान

सना की मेहनत धीरे-धीरे रंग लाने लगी। जो किसान उन्से खाद नहीं लेते थे वो रिटेल बीज भंडार और नर्सरी से उनकी खाद 650 रुपए में 40 किलो की बोरी खरीदने लगे। लोगों को सना काम काम बहुत पसंद आया। इसके बाद उन्हें मेरठ की स्वच्छ भारत मिशन की यंगेस्ट ब्रांड एम्बेसडर भी बनाया गया। कभी एक कंपनी में नौकरी करने वाली सना आज दूसरों को नौकरी दे रही हैं। जिस गोबर को डेयरी संचालक नाली में बहा दिया करते हैं, उसी गोबर से मेरठ की इस बेटी ने करोड़पति बनने का सफर तय किया है।

साल भर बाद ही मिलने लगा अच्छा मुनाफा

सना को एक साल बाद ही वर्मीकम्पोस्ट के बिज़नेस में मुनाफा होने लगा। इसके बाद वो बड़े स्तर पर काम करने लगीं। आज सना हर महीने करीब 150 टन वर्मीकम्पोस्ट का उत्पादन करती हैं। प्रोडक्शन का पूरा काम खुद सना ही देखती हैं। जबकि उनके भाई जुनैद और पति सैयद अकरम रजा बिजनेस और मार्केटिंग का काम देखते हैं। सना आज करोड़ों का टर्नओवर करती हैं।सना के पिता टेलरिंग का काम करते थे। नाना गैराज चलाते थे और एक फैक्टरी में जॉब किया करते थे। अब परिवार के सभी लोग सना के साथ मिलकर जैविक खाद तैयार कर रहे हैं।

कुछ अलग और हटकर करने की चाह ने सना को एक नई पहचान दिलाई है।

Sunidhi Kashyap
Sunidhi Kashyap
सुनिधि वर्तमान में St Xavier's College से बीसीए कर रहीं हैं। पढ़ाई के साथ-साथ सुनिधि अपने खूबसूरत कलम से दुनिया में बदलाव लाने की हसरत भी रखती हैं।

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