हमारे देश की लड़कियां किसी भी क्षेत्र में लड़को से कम नहीं हैं।समाज में हर व्यक्ति चाहता है कि उसका एक बेटा हो जो बुढ़ापे में उसका ख्याल रखें और घर खर्च के लिए नौकरी करके पिता का हाथ बटाएं लेकिन अब यह सारा कार्य लड़कियां भी कर रही है। जरूरत पड़ने पर लड़कियां घरेलू कार्यों के साथ-साथ नौकरी करके अपने परिवार का खर्च उठाने में भी सक्षम है। आज हम आपको विष्णुप्रिया (Vishnupriya) के बारे में बताएंगे। जो अपने पिता की नौकरी जाने के बाद मात्र 18 वर्ष की उम्र में घर परिवार की सारी जिम्मेदारी अपने सर पर ले ली है। आइये जानते हैं उनके बारे में।
घर की सारी जिम्मेदारी उठाई
विष्णुप्रिया (Vishnupriya) नाम की एक बेटी ने साबित कर दिखाया है की लड़कियां लड़को से कम नही हैं। विष्णुप्रिया ओडिशा (Odisha) के कटक की रहने वाली है। 18 वर्ष की उम्र में ही विष्णुप्रिया अपने घर परिवार कि सारी जिम्मेदारी उठा ली है। उन्होंने एक बेटे की तरह अपने परिवार की पूरी जिम्मेदारी बहुत अच्छे से निभा रही हैं।

नौकरी करने का लिया फैसला
क’रोना महामारी से पूरी दुनियां के अर्थव्यवस्था पर बहुत बुड़ा प्रभाव पड़ा था। महामारी के कारण बहुत से लोग अपनी नौकरी से भी हाथ धो बैठे। विष्णुप्रिया के पिताजी की नौकरी भी क’रोना महामारी के दौरान छूट गई, जिसके बाद विष्णु प्रिया ने घर परिवार की जिम्मेदारी उठाते हुए नौकरी करने का फैसला किया।

नौकरी मिलने में हुई परेशानी
विष्णुप्रिया जॉब करने के लिए कई जगह कोशिश की लेकिन लड़की होने के कारण उन्हें बहुत जगह से रिजेक्ट (Reject) कर दिया जाता था। बहुत जगह जॉब खोजने के बाद एक जगह बात बनी। विष्णुप्रिया ने नौकरी की तलाश में फूड (Food) डिलीवरी ऐप जोमैटो (Zomato) को इंटरव्यू (Interview) दिया जहाँ उनका चयन हुआ। विष्णुप्रिया को अपने घर खर्च के लिए जोमैटो की फूड डिलीवरी गर्ल (Food Delivery Girl) बनना पड़ा।

डॉक्टर बनना चाहती है विष्णुप्रिया
विष्णुप्रिया एक डॉक्टर (Doctor) बनना चाहती थी लेकिन क’रोना महामारी के आने से सबकुछ बदल गया। पिता के नौकरी जाने के बाद घर की सारी जिम्मेदारी विष्णुप्रिया पर ही आ गई, जिसके वजह से उसे जॉब करना पड़ा लेकिन विष्णुप्रिया जॉब करने के साथ खुद भी पढ़ती है और बच्चों को ट्यूशन (Tution) भी पढ़ाती हैं। वह बाकी सभी कार्य करके घर के कामों में मां की मदद भी करती है।

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मां को नहीं होती बेटे की कमी
विष्णुप्रिया की मां कहती हैं कि हमारा कोई बेटा नहीं है लेकिन विष्णुप्रिया ने एक बेटे की तरह घर परिवार का सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर उठा लिया है। विष्णु प्रिया के वजह से ही हमारा परिवार चल रहा है। विष्णु प्रिया के होने से मुझे बेटे की कमी महसूस नहीं होती है। विष्णुप्रिया की जितनी प्रशंसा की जाए कम है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि बेटियां भी बेटों से कम नही हैं।
वैदिक ज्ञान भी विष्णुप्रिया के कार्य की सराहना करता है।
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