दुनियां में दो तरह के लोग होते हैं। कोई अमीर होता है तो कोई गरीब। अमीर लोग अपना जीवन सुखी पूर्वक बिताते हैं, वही जो गरीब हैं उन्हें दो वक्त की रोटी कमाने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। कुछ ऐसी ही कहानी है राजेश की जो गोद में बच्चे को लेकर रिक्शा चलाने पर मजबूर हैं।
दरअसल, राजेश बिहार के रहने वाले हैं लेकिन 10 साल पहले काम की तलाश में जबलपुर आ गए थे। राजेश दो बच्चों के पिता है। कुछ दिन पहले उनकी पत्नी बच्चों को छोड़कर चली गई। पत्नी के जाने के बाद अपने दोनों बच्चे की देखभाल राजेश खुद करते हैं।
रिक्शा चलाकर करते हैं गुजारा
जबलपुर बस स्टैंड (Bus Stand) के पास एक छोटी-सी कोठरी में राजेश अपने बच्चों के साथ रहते हैं और रिक्शा चलाने का काम करते हैं, जिससे उनका और उनके बच्चे का गुजारा होता है।

छोटे बच्चे को साथ में लेकर करते हैं काम
एक रिपोर्ट (Report) के मुताबिक राजेश बताते हैं कि अपने छोटे बच्चे को गोद में लेकर दिनभर रिक्शा चलाते हैं। एक बिटिया है इससे बड़ी, उसे मैं सुला कर आता हूं और एक को साथ में रखता हूं। बच्चे का तन ढकने के लिए भी मेरे पास पैसे नहीं है। आगे राजेश बताते हैं कि अगर मैं रिक्शा नहीं चलाऊंगा तो इन्हें खाना कौन खिलाएगा।

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MP: अपने 1 साल के बच्चें को गोद में लेकर दिन भर रिक्शा चलाते हैं जबलपुर के राजेश।
— काश/if Kakvi (@KashifKakvi) August 25, 2022
राजेश कहते हैं एक बिटिया है इससे बड़ी, उसे झुग्गी में सुलाकर आता हूं और एक को साथ में रखता हूं।
बच्चे का तन ढकने के लिए पैसे नहीं हैं।
"अगर रिक्शा नहीं चलाऊगा तो कौन खाना…."
Vid- @makarandkale pic.twitter.com/t58LQilWTj
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लोग मदद के लिए आ रहे हैं आगे
गरीबी की मार झेलने वाले राजेश की कहानी ट्विटर (Twitter) पर @KashifKaKvi नाम के अकाउंट (Account) से शेयर (Share) किया गया है। आपको बता दें कि काशिफ (Kashif) एक पत्रकार हैं और उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से राजेश की दुख भरी कहानी को लोगों के सामने लाने की कोशिश की है, ताकि लोग इनकी मदद कर सके। इस वीडियो के वायरल होने के बाद राजेश की मदद करने के लिए कई लोग आगे आए हैं। आशा है कि उन तक यह मदद पहुंचे।