मुस्लिम धर्म की 19 वर्षीय लड़की रिहाना ने हिंदू धर्म के विकाश राजपूत से शादी करके यह साबित कर दिया कि प्रेम के बीच कोई दीवार नहीं होती।
साथ काम करते थे विकाश और रिहाना
अलीगढ़ के थाना लोधा की रहने वाली रिहाना और कायमगंज के गांव सलेमपुर टिलियाँ के रहने वाले विकास राजपूत नोएडा के एक बल्ब बनाने वाली कंपनी में एक साथ काम करते थे। वही दोनों की प्रेम कहानी शुरू हुई। दोनों शादी के बंधन में बंधना चाहते थे मगर अपने परिवार वालों से डरते थे।

परिवार से डरकर मंदिर में की शादी
अपने परिवार वालों से परे होकर उन्होंने फर्रूखाबाद के कायमगंज के एक मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों से शादी कर लिया। शादी के बाद रिहाना ने अपना नाम बदलकर रेनू रख लिया। शादी के बाद दोनों पुलिस स्टेशन पहुंचे और वहां अपने बालिग होने का सबूत दिया। दोनों ने पुलिस से सुरक्षा की मांग भी की।

रिहाना के पिता ने बेटी से रिश्ता न होने की बात कही
रिहाना के पिता से जब पुलिस ने फोन पर बात किया तो उन्होंने कहा कि मेरी बेटी घर छोड़ चुकी है और इस बात से मुझे कोई एतराज नहीं है। वह मेरे लिए मर चुकी है। मेरा उससे कोई रिश्ता नहीं है। इसके बाद पुलिस ने विकास के साथ रिहाना को जाने का आदेश दिया। रिहाना के ससुराल वालों ने उसे खुशी-खुशी अपना लिया।

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शादी का रजिस्ट्रेशन भी कराया
दोनों ने स्थानीय नेता प्रदीप सक्सेना की मदद से तहसील जाकर अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया। यही नहीं, पूरे गांव में न्योता देकर मुंह दिखाई की रस्म पूरी की गई। यदि उनकी शिक्षा की बात की जाए तो जहां एक तरफ विकास ने इंटर तक की पढ़ाई की है तो वहीं रिहाना हाई स्कूल पास है।

इस प्रेम कहानी को सोशल मीडिया पर लोगों ने काफी पसंद किया है। प्रेम में धर्म और मजहब नाम की कोई चीज नहीं होती। प्रेम तो दो दिलों का मेल होता है, जहां कोई बंदिश नहीं होती है।