दुनिया मे बहुत लोग ऐसे होते हैं जो दूसरों की मदद करना चाहते हैं। जिनके जीवन का एक ही उदेश्य होता है समाज का कल्याण। एक ऐसा ही नाम है राहेना शेख बगवान (Rahena Shekh Bagwan), जिनके नेक कार्यो के वजह से लोग उन्हें मदर टेरेसा के नाम से भी जानते हैं।
आइए जानते है राहेना शेख बगवान के बारें में
राहेना शेख बगवान (Rahena Shekh Bagwan) एक पुलिसकर्मी है। वह वर्ष 2000 में पुलिस कांस्टेबल के रूप में भर्ती हुई थी। राहेना ने म’हामारी के दौरान गरीब और जरूरतमंद लोगों की हर संभव मदद की।
बच्चों में अनुशासन देख कर बहुत प्रसन्न हुई
राहेना ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि पिछले वर्ष जब उनकी बेटी का जन्मदिन आने वाला था तब उन्हें पता चला कि रायगढ़ के वाजे तालुका के एक दन्यानी विद्यालय में आदिवासी बच्चों को पढ़ाने का काम चल रहा है। इस बात की जानकारी मिलते ही राहेना ने उस स्कूल के प्रिंसिपल से संपर्क कर स्कूल का दौरा किया। वहां जाकर उन्हें पता चला कि यहां पढ़ने वाले अधिकतर बच्चे गरीब परिवार के हैं। वहां के बच्चों की अनुशासन को देख कर राहेना को बेहद आश्चर्य हुआ।

बचाए पैसे से बच्चों का मदद करने का प्रण लिया
राहेना इस बात से खुश होकर अपने बचाए हुए पैसों से इन बच्चों की मदद करने का प्रण लिया। उन्हें परिवार वालों ने भी इस नेक काम के लिए समर्थन किया। जब उन्होंने बच्चों को बताया कि वह इस बार ईद पर किसी चीज की खरीदारी नहीं करेगी इस बात पर उसके बच्चे भी राजी हो गए।
स्कूल के 50 बच्चों को गोद लिया
राहेना ने स्कूल के बच्चों से मिलने के बाद उसी स्कूल में पढ़ने वाले 50 बच्चों को गोद लेने का फैसला लिया। उनका कहना है कि किसी की मदद करने से उन्हें सुखद अनुभव होता है और वह चाहती है कि उन के बच्चों को हर संभव मदद मिल सके ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके जिससे आगे चलकर वह एक सफ़ल व्यक्ति बने। क’रोना महामारी के दौरान भी राहेना ने ब्लड डोनेशन, प्लाज्मा, ऑक्सीजन सिलेंडर, अस्पताल से बेड दिलाकर बीमार लोगों की मदद की। वह खुद एक छोटे से घर में रहती है। रात हो या दिन वह हर वक्त लोगों की मदद के लिए तैयार रहती है।

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परिवार का पूरा सहयोग मिला
उनके इस मुहिम में उनके परिवारवालो ने उनका पूरा सहयोग किया। राहेना रिपोर्ट्स को बतायी कि एक दिन उनके पास फोन आया कि एक कैंसर पीड़ित मरीज को A+ ब्लड ग्रुप की जरूरत है लेकिन इस ग्रुप का ब्लड उन्हें कहीं नहीं मिला रहा है। उन्हें इस बात का डर था कि ब्लड न मिलने के कारण कही कैंसर पीड़ित की मौत ना हो जाए इसीलिए राहेना काफी परेशान थी। इस परेशानी को दूर करने में उनके पति ने उनका मदद किया और अपनी इच्छा से 3 कैंसर पीड़ित मरीजों को अपना ब्लड डोनेट किया।
लोगों की मदद की
राहेना जैसी समाजसेवी आज के जमाने में बहुत कम देखने को मिलते हैं। अपनी खुशियों को नजरअंदाज करके लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास करना सब की बस की बात नहीं होती। उनके इस स्वभाव के कारण ही लोग मदर टेरेसा कहते हैं। उनके इस कार्य के वज़ह से उन्हें पुलिस अधिकारी हेमंत नागराले (Hemant Nagrale) ने उन्हें सम्मानित भी किया।