सोशल मीडिया पर हर दिन तरह-तरह की खबरें वायरल होती रहती हैं। अभी सोशल मीडिया पर एक ऐसा खबर वायरल हो रहा है जिसे जानकर लोगों के पैरों तले जमीन खिसक रही है। दरअसल, बिहार के छपरा में एक 5 साल के बच्चे को सांप ने काटा था। डॉक्टर द्वारा मृत घोषित करने पर उसके परिवार वाले ने इस बच्चे को गंडक नदी में प्रवाहित कर दिया लेकिन 5 साल बाद वह बच्चा अपने घर लौट आया। आइये जानते हैं इस रहस्यमयी घटना के बारे में।
बिहार के छपरा की घटना
सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल (Viral) हो रहा यह ख़बर बिहार (Bihar) के छपरा (Chapra) जिले के तरैया पंचायत की अंतिम सीमा पर स्थित गंडार ब्रह्मस्थान दक्षिण टोला की बताई जा रही है। इस ख़बर के बारे में दक्षिण टोला के रहने वाले हरेंद्र महतो (Harendra Mahto) की पत्नी एवं कृष्णा (Krishna Devi) की मां सुनीता देवी (Sunita Devi) ने बताया कि उनके तीन बच्चे हैं, दो बेटा और एक बेटी। बेटी का नाम अंजली कुमारी (Anjali Kumari) है जो सबसे बड़ी है और बड़े बेटे का नाम अंकित कुमार (Ankit Kumar) है एवं छोटे बेटे का नाम कृष्ण कुमार (Krishna Kumar) है।

सांप के कांटने से हुई मौत
वर्ष 2017 में एक दिन कृष्णा कुमार को सावन मास में घर के पास पीपल के पेड़ के नीचे चबूतरे पर खेलने के दौरान एक सांप ने अंगुली मे काट लिया। झाड़-फूंक कराने के बाद बच्चे को डॉक्टर (Doctor) के पास ले जाया गया लेकिन डॉक्टर ने बच्चे को मृत साबित कर दिया। इसके बाद गांव वालों ने केले के थम पर प्लास्टिक में नाम पता के साथ बच्चे को भलुआ चंचलिया लिख कर गंडक नदी (Gandak River) में प्रवाहित कर दिया।
कृष्णा की जिंदा होने की मिली ख़बर
कुछ वर्ष बीतने के बाद पता चला वह बच्चा जिंदा है लेकिन वहां जाकर पता लगाने पर किसी प्रकार की कोई जानकारी नहीं मिली। लगातार 5 साल तक वहां पर जाकर खोजने के बाद जब कुछ पता नहीं चल पाया तब परिजनों ने उसे खोजना छोड़ दिया। लेकिन अचानक 2 दिन बाद जानकारी मिली कि इसुआपुर (Isuapur) के बिसुनपुरा (Bisunpura) में कृष्णा को घूमते हुए देखा गया। इसके बाद कृष्णा की मां अपने बच्चे को ढूंढते हुए बिसुनपुरा जा पहुंची। तब वहां संजोगबस उन्हें कृष्णा मिल गया।

बेटे को देख 5 साल बाद भी पहचान गई मां
कृष्णा की मां अपने बच्चे को पाकर बेहद खुश हुई। उन्हें अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ लेकिन कृष्णा अपनी मां को नहीं पहचाना। 5 साल बाद भी मां ने उसे नाक के पास निशानी के तौर पर काला मसाला दाढ़ी के नीचे कटे का निशान देख कर पहचान गई और अपने साथ घर ले आई।
पिता को नहीं हुआ यकीन
कृष्णा के पिता हरेंद्र महतो मजदूरी करने के लिए असम (Assam) के डिब्रूगढ़ (Dibrugarh) गए हुए थे। जब उनके परिवार वालों ने उन्हें कृष्णा मिलने की खबर सुनाइ तो हरेंद्र को उनकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ। 5 साल से खोए हुए पुत्र को जिंदा सुनकर वह रो पड़े और जल्द ही वहां से आने की बात बताई।

किसी को नहीं पहचान पा रहा कृष्णा
घर के पास वाले पीपल के पेड़ के नीचे चबूतरे पर बैठे केसरिया रंग (Orange Color) के टी-शर्ट (T-shirt) और जींस (Jeans) पहने कृष्णा अपने गांव के बच्चों और साथी को भी नहीं पहचान पा रहा है। गांव के सभी लोगों ने कृष्णा को पहचान लिया लेकिन गांव वाले इस बात को नहीं समझ पा रहे हैं कि ऐसा कैसे संभव हुआ। कुछ लोगों ने कहा कि महिला अपने बेटे के वियोग में अंधविश्वास के कारण किसी और को अपना बेटा बोल रही है।

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