कहा जाता है कि जिसकी मौ’त आती है उसे म’रने से कोई नहीं बचा सकता है और जिसे भगवान ने जिंदगी दी है वह मौ’त के मुँह में से भी निकल जाता है। ऐसा ही एक घटना सोशल मीडिया पर खूब वारयल हो रहा है। जिसमें एक महिला यमुना नदी में एक तख्ते के सहारे से डूबने से बच गई। डूबते को तिनके का सहारा वाली कहावत आज सच साबित हो गई। आइए जानते हैं क्या है पूरी कहानी?

यह घटना जालौन जिले के लिची का डेरा शारदा नगर इलाके में रहने वाली एक महिला की है। 50 वर्षीय जय देवी 21 जुलाई की शाम तकरीबन 5 बजे अपने खेतों के तरफ घूमने गई थी। अचानक कलिदर नाले में जय देवी फिसल कर गिर पड़ी। नाले के पानी का बहाव तेज़ था जिसके कारण वह महिला पानी के बहाव के साथ बहने लगी। और बहते-बहते यमुना नदी में जा गिरी।

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पानी में उस महिला को एक लकड़ी मिला। महिला ने लकड़ी को जोर से पकड़ लिया। और पानी में बहते हुए 25 किमी का सफर तय करने के बाद 22 जुलाई को सुबह 9 बजे मनकी गाँव के पास पहुंच गई।
लोगों ने इस बात की सूचना गाँव के चौकीदार को दिया। हरौलीपुर चौकी का इंचार्ज भारत यादव को यह सूचना दिया गया था। बिना समय व्यर्थ किये भारत यादव ने गाँव के मछुआरों को बुला कर उस महिला को पानी से बाहर निकाला। तुरंत ही उस महिला का उपचार भी शुरू करवाया गया।

महिला के होश में आने के बाद उसके बताये गये पते पर उनके परिवार वालों को सूचित किया गया। सूचना मिलते ही उस महिला का बेटा राहुल एवं बेटी विनीता घटनास्थल पर पहुंच गए। पुलिस ने उस महिला को उसके परिजन को शौप दिया। इस महिला के लिए बबूल की लकड़ी ही जिवनदायी बनी। जिस इंसान को भगवान ने लंबी आयु दी हो उसे इस संसार में कोई भी नहीं मा’र सकता।