भारत एवं बिहार के प्रमुख धार्मिक स्थल एवं भगवान बुद्ध (God Buddha) की धरती बोधगया में (Bodh Gaya) पूजा -अर्चना के साथ-साथ महाकठिन चीवरदान किया गया है। इस पावन मौके पर 500 भिक्षुओं को चीवर दान किया गया। मंदिर के प्रागण में सुबह 10 बजे से विशेष पूजन अर्चना शुरू हुई जो करीब दस बजे तक चली जिसके बाद करीब तीन घंटे तक लगातार चीवरदान समारोह कार्यक्रम चला।
विभिन्न देशों के बौद्ध भिक्षु
कार्यक्रम में अलग-अलग देशों के बौद्ध भिक्षुओं को चीवरदान किया गया। बौद्ध भिक्षु दान में दिए गए चीवर को पूरे वर्ष पहनेंगे और ध्यान, साधना और भिक्षाटन के लिए भ्रमण करेंगे। इसके साथ-साथ उन्हें नित्य जीवन में उपयोग करने वाले वस्तु भी भेंट किए गए।

ढाई वर्ष बाद भव्य कार्यक्रम
कोरोना काल के कारण कोई भी त्योहार एवं समारोह आयोजित करने के लिए सख्त पाबंदी लगाई गई थी जिसके कारण करीब ढाई वर्ष बाद बोद्ध गया की भूमि पर भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ।तीन महीने के वर्षावास की समाप्ति के बाद महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple) परिसर में बड़े स्तर पर समारोह का आयोजन किया गया।

बौद्ध भिक्षुओं ने किया अरदास
चीवरदान समारोह के दौरान बौद्ध भिक्षुओं ने देश दुनिया में खुशहाली, रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का विराम और महाबोधि मंदिर को आंतकियों की नजर से बचाए रखने की अरदास की।

अमन चैन की प्रार्थना
बीटीएमसी के द्वारा आयोजित इस चीवरदान समारोह के बाद अब विभिन्न देशों की ओर से चीवरदान तेजी से बौद्ध भगवान की धरती बोधगया में आयोजित किया जाएगा जो अगले माह तक लगातार गया जी में चलेगा।महाबोधि मंदिर के पुजारी ने कहा कि पूजा में देश-दुनिया में अमन चैन और खुशहाली की प्रार्थना की गई है।
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