जिस व्यक्ति में कुछ कर दिखाने का जुनून होता है, वह कभी भी असफल नहीं हो सकता। जीवन में कभी भी असफलताओं से हार नहीं माननी चाहिए, उसका डट कर सामना करना चाहिए। आज हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में जानेंगे, जिन्होंने सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक BPSC की परीक्षा पास करके पहली महिला DSP बनी।
बचपन से ही पढ़ाई में होशियार रही है रजिया
रजिया सुलतान शुरू से ही पढ़ाई में बहुत तेज़ थी। इन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई बोकारो के एक स्कूल से किया है। ग्रेजुएशन करने के बाद वह राजस्थान शिफ्ट हो गई। और आगे की पढ़ाई वही से करने लगी। रजिया सात भाई बहन है जिसमे रजिया सबसे छोटी लड़की है। रजिया बिहार की पहली मुस्लिम लड़की है जिन्होंने पहले ही एटेम्पट में DSP की पोस्ट हासिल कर ली। रजिया द्वारा रचा गया इस इतिहास के वजह से पूरा देश उन्हें बधाई दे रहा है।

संघर्षों से भरा रहा जीवन
रजिया के पिता एक फैक्ट्री में काम करते थे लेकिन किसी कारण से उनके पिताजी गुज़र गए। रजिया के घर का आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गया था। इसीलिए वह अपने परिवार का सहयोग करने के लिए बिजली विभाग में नौकरी करने लगी। और साथ ही BPSC के परीक्षा की तैयारी भी करने लगी।

पैसे के कमी के कारण नहीं जॉइन कर पाई थी कोचिंग
रजिया BPSC की अंग्रेजी माध्यम से कोचिंग करना चाहती थी। लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं थे की वह कोचिंग फीस भर पाती। उनके परिवार की हालत बहुत खराब थी। उनके घर में राशन खरीदने तक के भी पैसे नहीं थे। इतने सारे कठिनाइयों के बाबजूद भी रजिया हार नही मानी। लगातार मेहनत करने लगी और रजिया की मेहनत रंग लाई। और वह BPSC परीक्षा पास करके DSP की पद पर नियुक्त हो गई।

परिवार को गर्व है रजिया पर
उनके परिवार को रजिया पर बहुत गर्व है। उनके भाई बहन रजिया को अपना आदर्श मानते है। रजिया की कहानी से हमें यही सिख मिलती है कि कठिनाइयों से कभी भी हार नही माननी चाहिए। कठिन परिश्रम और लगन से सफलता जरूर हासिल होती है।