“वक़्त की गर्दिशों का ग़म न करो हौसले मुश्किलों में पलते हैं” इन पंक्तियों को पूजा अग्रवाल ने सिद्ध करके दिखाया है।
पूजा अग्रवाल जिन्होंने एक हादसे में अपने शरीर के 3 अंगो को खो दिया था। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने कभी अपना हौसला टूटने नहीं दिया और 3 साल की कड़ी मेहनत के बाद आज वो पैराशूटर बनकर सफलता की नई मिसाल पेश कर रही हैं। आइये जानते है उनके बारे में।
हादसे में खो चुकी हैं अंग
दिल्ली की रहने वाली श्रीमती पूजा अग्रवाल का जीवन सामान्य रूप से चल रहा था। तभी उनके जीवन में एक दर्दनाक हादसा हो गया। जिसने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल कर रख दिया। साल 2012 के दिसंबर के महीने में पूजा अपने पति को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर छोड़ने आईं थी। लेकिन प्लेटफॉर्म पर अत्यधिक भीड़ होने के कारण वो रेलवे ट्रैक पर गिर गईं और सामने से आती ट्रेन की चपेट में आ गईं। इस हादसे में उन्हें अपने तीन अंग गंवाने पड़े। उनके पास बस एक दाहिना हाथ ही बच गया।

पूजा ने नहीं खोया हौसला
इस दर्दनाक हादसे के कारण पूजा अग्रवाल की शादी टूट गई। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और नौकरी के लिए घर में रहते हुए तैयारी शुरू की। वर्ष 2014 में उनकी मेहनत रंग लाई और वह बैंक ऑफ इलाहाबाद में जॉब करने लगी। जिसके बाद उनकी एक दोस्त ने उन्हें खेल में हाथ आजमाने को कहा। पहले तो पूजा को यह मजाक लगा, लेकिन बाद में उन्होंने व्हीलचेयर पर बैठकर ही खेलना शुरू किया।

शूटिंग पर ध्यान लगाया
टेबल टेनिस के खेल से शुरूआत करने वाली पूजा अग्रवाल ने पैरा-एथलीट के लिए एक शूटिंग शिविर में भी हिस्सा लिया जो उन्हें काफी अच्छा लगा। वे टेबल टेनिस और शूटिंग दोनों में माहिर हो चुकी थी परंतु जब एक दिन वो बैंक में बेहोश हो कर गिर गईं तो उन्होंने अपनी सेहत को देखते हुए केवल शूटिंग पर ही फोकस किया।

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गोल्ड मेडल जीता पूजा ने
साल 2016 में पूजा ने अपनी पहली प्रतियोगिता खेली। जिसके बाद उन्होंने देश के लिए पहला गोल्ड मेडल जीता। पूजा ने वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट विश्व कप 2018 में 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद पूजा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 2017 में उन्होंने यूएई के अल ऐन में इंटरनेशनल वर्ल्ड कप में रजत पदक हासिल किया। आगे उन्होंने विश्व चैंपियन और एशियाई खेलों में भी भाग लिया और क्रोशिया वर्ल्ड कप में कांस्य पदक जीता। यही नहीं 2021 में पेरु के लीमा में वर्ल्ड कप में दो रजत पदक अपने नाम कर भारत का नाम रोशन कर दिया।
आज पूजा अग्रवाल उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो अपना हौसला खो देते हैं।