सिर्फ इच्छा करने मात्र से ही हमें सफलता नहीं मिलती बल्कि सफलता पाने के लिए अपने भीतर आत्मविश्वास को जगाना होता है और साथ ही दृढ़ संकल्पित होने की भी आवश्यकता होती है। दृढ़ संकल्प में अद्भुत शक्ति होती है, जिसकी मदद से हम अपने जीवन में न सिर्फ सफलता बल्कि चिंताओं से भी मुक्ति पा सकते हैं। ईश्वर ने मनुष्य का निर्माण ही कुछ इस प्रकार से किया है कि उसके सामने जब तक भागने का एक भी उपाय शेष रहता है, तब तक वह कष्ट पाने की अपेक्षा भागने के लिए ही लालायित रहता है। ऐसे व्यक्ति को विजय तभी प्राप्त हो सकती है, जब वह अपने दिल में दृढ़ संकल्प कर ले कि मनोवांछित चीज हासिल कर के ही रहूंगा।

पिता को नहीं मिल पाया न्याय
ऐसी ही कहानी है एक इंसान की जिनके पिता की जान ले ली गई थी। उसके बावजूद भी उस बच्चे को अपने पिता के लिये इन्साफ नहीं मिला। न्याय नहीं मिलने के कारण उसने पूरे सिस्टम को बदलने की ठान ली और सच्ची निष्ठा के दम पर IPS बना।
मिलिए सूरज कुमार राय से
हम बात कर रहे है सूरज कुमार राय की। सूरज कुमार राय उत्तरप्रदेश के जौनपुर के रहने वाले हैं। वे बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे। सूरज इंटर के बाद इलाहाबाद में स्थित मोतीलाल नेहरु इंजीनियरिंग कॉलेज में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए एडमिशन ले लिया। लेकिन कॉलेज के दिनों में ही उनके सर से पिता का साथ हमेशा के लिए छीन लिया गया। उनके पिता की हत्या कर दी गई। उन्होंने तब से ही यह वचन लिया कि पूरे व्यवस्था को बदल देंगे जिससे ऐसी घटना किसी दूसरे के साथ न हो।

सिस्टम ने काफी तंग किया सूरज को
सूरज अपने पिता के केस में पुलिस स्टेशन जाते थे तो वहां उन्हें घंटो प्रतीक्षा करवाया जाता था। सिस्टम की इस मामले के छान-बीन में लापरवाही को देख कर सूरज कुमार ने निश्चय किया कि इस सिस्टम को सुधारने के लिये अधिकारी बनेगें।
UPSC की तैयारी में जुट गए
ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद UPSC की तरफ ध्यान केंद्रित किया। दो बार नाकामयाबी का सामना करने के बाद भी उनका मनोबल कम नहीं हुआ और वह इसमे लगे रहे। अंततः यूपीएससी 2017 की परीक्षा में 117वां रैंक हासिल किया हैं। वर्तमान में वह एक IPS है।

सच्ची लगन से ही मिलती है सफ़लता
जो व्यक्ति संपूर्ण श्रद्धा से, दृढ़ संकल्प से, अटूट निष्ठा के साथ अपने लक्ष्य प्राप्ति हेतु जुट जाता है, उसके संकल्प से ही उसकी तमाम शक्तियां संगठित होकर उसके कार्य में नियोजित हो जाती हैं। ऐसा व्यक्ति कभी पीठ नहीं दिखाता, वह आगे और आगे बढ़ता जाता है, उसका हर कदम प्रगति की ओर अग्रसर होता रहता है। सूरज उसके उदाहरण हैं। हम सूरज के और उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।