एक आईएएस ऑफिसर को सरकार के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करना चाहिए। सरकार के अंग के रूप में कार्य करने के नाते एक आईएएस ऑफिसर में असाधारण नेतृत्व कौशल की आवश्यकता होती है। जिससे वह दूसरों को समेकित लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में प्रेरित कर भारत के विकास एवं लोगों के कल्याण के लिए कार्य कर सकें। आज हम आपको एक ऐसे ही आईएएस अधिकारी के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने कार्य कौशल के बदौलत अपने जिला के एक गांव में लोगों के लिए बस सेवा बहाल करवाई। आइये जानते है इसके बारे में।

कई वर्षों से गांव में कोई बस सेवा नही
तमिलनाडु के एक गांव जिसका नाम करुप्पमपलयम है। वहां 30 वर्षों से कोई बस सेवा बहाल नही थी। लोग बहुत मुश्किल से आवागमन कर पाते थे। इतनी कठिनाइयों के बावजूद किसी का भी ध्यान इस गांव पर नही गया था। पर अब इस गांव में स्टेट ट्रांसपोर्टर कॉरपोरेशन ने बस सर्विस की शुरुआत कर दी है। बस की सुविधा हो जाने से लोगों में उत्साह का माहौल है। अब लोगों को एक जगह से दूसरे जगह पैदल जाना नही पड़ेगा और समय की भी बचत होगी।

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जिले के कलेक्टर के कारण यह संभव हो पाया
इस गांव में बस की शुरुआत का श्रेय जिला कलेक्टर टी प्रभुशंकर को जाता है। उन्होंने जब इस गांव के बारे में सुना तो यहां वह लोगों से मिलने आए। उन्होंने लोगों से वादा किया कि बहुत जल्द यहां बस की सेवा बहाल कर दी जाएगी और पांच दिनों के अंदर ही यहां बस की सेवा दे दी गई। इस सुविधा से गांव के लोगों में कलेक्टर साहब के लिए प्यार और बढ़ गया है।

रोजाना दो बसों की शुरुआत
कलेक्टर टी प्रभुशंकर इस गांव के समस्या को गंभीरता से लिया और उन्होंने इसके लिए टीएनएसटीसी करूर डिवीजन से बात की। इसके जनरल मैनेजर ने तुरंत दो बसों की शुरुआत इस गांव में कर दी। अब रोजाना दो बसों को इस गांव में भेजा जाता है। लगभग 30 सालों से यातायात के बिना इस गांव के लोग गुजर बसर कर रहे थे। बस के शुरुआत हो जाने से लगभग 220 परिवार के इस गांव को काफी सुविधा मिलेगी। इस गांव के लिए यहां के कलेक्टर साहब द्वारा किया गया यह कार्य अत्यंत ही प्रशंसनीय है। इसकी जितनी तारीफ की जाए कम है।