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Friday, March 24, 2023

ऑर्गेनिक खेती के लिए मशहूर 106 साल की अम्मा से मिले PM मोदी, पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा गया

किसी भी काम करने की कोई उम्र नहीं होती। अगर इसांन चाहें तो वह किसी भी उम्र में काम करके अपनी एक अलग पहचान बना सकता है। इस बात की प्रत्यक्ष उदाहरण हैं तमिलनाडु के कोयंबटूर की रहने वाली 106 वर्षीय आर पप्पम्माल। आर पप्पम्माल तमिलनाडु की सबसे उम्रदराज महिला हैं। लेकिन उनके हौसलें आज भी एक नौजवान की तरह उर्जावान हैं। उन्होंने जैविक खेती को एक नई दिशा प्रदान की है। जिस उम्र में लोग काम करना बंद करके आराम करते हैं, उस उम्र में भी आर पप्पम्माल पूरे जोश के साथ खेती करती हैं। उन्होंने अपने कार्यों से महिला किसान के रूप में अपनी सफलता की कहानी लिखी है। इसी का फल है कि भारत सरकार ने उनके कार्यों को देखते हुए उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है। यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी ने भी आर पम्पममल के कार्यों की खूब प्रशंसा की थी। लेकिन आर पप्पम्माल के लिए अपनी सफलता की कहानी लिखना इतना आसान नहीं था। आइए जानते हैं उनके संघर्ष से सफलता तक का प्रेरणादायी सफर।

106 साल की उम्र में भी चलाती हैं ऑर्गनिक फॉर्म

तमिलनाडु के कोयंबटूर का इलाका नीलगिरि हिल्स के लिए मशहूर है। 1914 में कोयंबटूर के देवलापुरम में जन्मी आर पप्पम्माल की ख़ास बात यह है कि वह 106 साल की हैं। और अभी भी खेती करती हैं। भवानी नदी के किनारे एक गांव में अपना आर्गेनिक फार्म चलाती हैं और सब्जियां तथा अनाज उगाती हैं। इसके अलावा उनका एक प्रोविजन स्‍टोर भी है। 106 साल की उम्र में भी वह रोजाना ढाई एकड़ खेत में काम करती हैं। बाजरा, भिंडी और केले के साथ-साथ वह तमाम फसलों की जैविक खेती करती हैं।

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बचपन में ही माता-पिता को खोने के बाद बनी आत्मनिर्भर

आर पप्पम्माल ने बहुत कम उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया था। जिसके बाद दो बहनों के साथ उनकी परवरिश थेकमपट्टी में दादी के यहां हुई। उन्होंने परिवार की एक दुकान की कमान संभाली और फिर खाने-पीने की शॉप शुरू की। इससे हुई कमाई से उन्होंने 30 साल की उम्र में गांव में ही 10 एकड़ जमीन खरीदी। यही नहीं पप्पम्माल ने अपनी बहन के बच्चों की भी देखभाल की। पिछले 7 दशकों से वह ऑर्गेनिक खेती में तमिलनाडु ही नहीं पूरे देश के लिए प्रेरणा बन गई हैं। सुबह साढ़े 5 बजे उनके दिन की शुरुआत होती है और 6 बजते-बजते वह अपने खेतों में पहुंच जाती हैं। आज भी उन्होंने खुद को एकदम फीट रखा हुआ है।

ऐसे मिला जैविक खेती का आइडिया

पप्पम्माल को जैविक खेती का आइडिया अचानक से मिला। एक बार उन्होंने किसी से ‘जैविक खेती’ शब्द सुना। फिर उन्होंने इसकी सारी जानकारी जुटाई और अपने खेतों में उसका उपयोग करने लगीं। वह कहती हैं कि अब उन्हें पता चल चुका है कि फसलों पर उपयोग किए गए जहरीले केमिकल पौधों के साथ-साथ हमारे लिए भी नुकसानदायक हैं। इनका उपयोग मिट्टी, हवा, पानी के लिए भी हानिकारक है। यह सेहत भी खराब करता है। अब वह जैविक खाद बनाती हैं, जिसमें नीम मट्ठा, गौमूत्र का उपयोग होता है। धीरे-धीरे वह अपने आसपास के लोगों को भी जैविक खेती के लिए प्रेरित करने लगीं हैं।

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उम्र को मात देकर अपनी मेहनत से बन गयी मिसाल

पप्पम्माल भले ही 106 साल की हो, लेकिन उनका जज्बा किसी युवा से कम नहीं हैं। वह दशकों से जैविक खेती कर रही हैं। वह अपने खेतों में दाल, सब्ज़ियां, बाजरा, रागी की खेती तो करती ही हैं। इन दिनों केले की खेती में भी हाथ आजमा रही हैं। थेक्कमपट्टी गांव में उनकी एक दुकान भी है। जहां वह अपने खेतों की उगाई जैविक वस्तुएं बेचती हैं। जब भी कोई खरीदार आता है तो बड़े प्यार से पहले उसे पानी पीने के लिए पूछती हैं, फिर सामान की खरीदारी की बात होती है। जीवन के 106 बसंत देख चुकी पप्पम्माल आज भी अपने खेतों में आसानी से काम कर लेती हैं। कई किलोमीटर पैदल चलती हैं। वह खेतों में पौधों से बातें करती हैं, उनकी देखभाल अपने बच्चों की तरह करती हैं। खेतों में जाने के लिए पप्पम्माल सुबह करीब 4 बजे उठ जाती हैं। वह खुद भी सभी प्राकृतिक चीजों का उपयोग करती हैं। मसलन, टूथपेस्ट की बजाय नीम की दातून, नहाने के लिए साबुन की जगह मिट्टी और हाथ साफ करने के लिए राख का प्रयोग करती हैं।

समाज सेवा के काम में भी बढ़-चढ़कर लेती हैं हिस्सा

आर पप्पम्माल खेती के साथ-साथ समाज सेवा में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती हैं। पप्पम्माल तमिलनाडु के कृषि विश्वविद्यालय की सलाहकार समिति की सदस्य भी हैं। थेक्कमपट्टी पंचायत की वार्ड मेंबर चुने जाने पर पप्पम्माल ने उस जिम्मेदारी को भी बखूबी निभाया। जिस उम्र में लोग कामकाज तो दूर अपनी छोटी-छोटी ज़रूरतों के लिए परिवार वालों की मदद पर निर्भर हो जाते हैं। उस उम्र में पप्पम्माल खेती जैसा मेहनत का काम बिना किसी कठिनाई के करती हैं। वह तमाम सेमिनार और कॉन्फ्रेंसों में हिस्सा लेकर जैविक खेती की तकनीक और फायदों के बारे में बताती हैं।

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कृषि में उल्लेखनीय कार्य के लिए पद्मश्री से हुईं सम्मानित

आर पप्पम्माल ने अपनी मेहनत के दम पर अपनी एक अलग पहचान बनाई है। कृषि कार्यों में उनकी उपलब्धियों के लिए सरकार ने उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित भी किया है। जब उन्हें पद्मश्री अवॉर्ड मिला तो पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने ट्वीट कर उनकी तारीफ भी की थी। यही नहीं पीएम मोदी के आधिकारिक फेसबुक पेज पर भी 106 साल की अम्मा पप्पम्माल की तस्वीर हाथ रखकर आशीर्वाद देते हुए शेयर की गई थी। पीएम ने तस्वीर शेयर करते हुए आर पप्पम्माल की प्रशंसा की थी।

आर पप्पम्माल ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर अपनी सफलता की कहानी लिखी है। आज भी उनके जज्बे को देख हर किसी में काम करने का जोश आ जाता है। आर पप्पम्माल आज लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन चुकी हैं।

Sunidhi Kashyap
Sunidhi Kashyap
सुनिधि वर्तमान में St Xavier's College से बीसीए कर रहीं हैं। पढ़ाई के साथ-साथ सुनिधि अपने खूबसूरत कलम से दुनिया में बदलाव लाने की हसरत भी रखती हैं।

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