एक बच्चा महज 8 साल की उम्र में अपने दिव्यांग माता-पिता और भाई-बहनों के पालन पोषण के लिए चला रहा है रिक्शा। आइये जानते हैं किस्मत के हाथों मजबूर उस बच्चे की पूरी कहानी…
हाल ही में हैदराबाद चंद्र गिरी की तरफ जा रहे एक व्यक्ति ने देखा कि हाईवे पर स्कूल ड्रेस में एक छोटा सा बच्चा ई-रिक्शा में दो व्यक्तियों को बैठाकर कहीं ले जा रहा है। वह व्यक्ति इस दृश्य को देखकर दंग रह गया। उस व्यक्ति ने उस रिक्शा चलाने वाले बच्चे को रोका और उसे अपने बारे में बताने को कहा। उस बच्चे की दुख भरी कहानी ने सुनने वालों को झकझोर कर रख दिया।
उस बच्चे ने अपना नाम गोपाल कृष्ण बताया। उसके माता-पिता दिव्यांग हैं। उसके दो छोटे भाई हैं। उस बच्चे ने बताया कि परिवार का सबसे बड़ा बेटा होने के नाते वह ई-रिक्शा चलाता है जिससे उसका परिवार चलता है। गोपाल कृष्ण ने बताया कि अपने परिवार को संभालना मेरी जिम्मेदारी है क्योंकि तीनों भाइयों में मैं सबसे बड़ा हूँ। मेरे दिव्यांग माता-पिता चंद्र गिरी शहर में अलग-अलग जगहों पर किराना का सामान एवं सब्जियां बेचते हैं। मैं ई-रिक्शा चलाने के साथ-साथ तीसरी कक्षा में पढ़ाई भी करता हूँ।

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जब गोपाल कृष्ण के पिता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैं और मेरी पत्नी पूरी तरह से दृष्टिबाधित हैं। इसीलिए हमारा बड़ा बेटा पढ़ाई करने के बाद घर चलाने में हमारी सहायता करता है। अपने बच्चों को बेहतर भविष्य देने के लिए मैं अपनी दिव्यांगता को अपने ऊपर हावी नहीं होने देता हूँ और कड़ी से कड़ी मेहनत कर अपने बच्चों को बेहतर जीवन देने का प्रयास करता हूँ।
गोपाल कृष्ण के पिता ने आगे कहा कि हमें एक पेंशन के तौर पर सिर्फ 3,000 रुपये ही मिलते हैं। यदि सरकार हमें एक घर और बच्चों के अध्ययन के लिए सहायता प्रदान करें और हमारी पेंशन बढ़ा दे तो शायद मेरे बच्चे को इतनी कम उम्र में मेहनत मज़दूरी नहीं करना पड़े।
वो आगे कहते हैं कि गोपाल हमें हॉस्पिटल के पास प्रतिदिन ले जाया करता था। वहाँ हम किराना का सामान बेचा करते थे। लेकिन एक दिन पुलिस ने गोपाल को इतनी कम उम्र में ई-रिक्शा चलाने के लिए पकड़ लिया। हमनें पुलिस से वादा किया कि आगे से गोपाल कभी इ-रिक्शा नहीं चलाएगा। तब जाकर पुलिस ने उसे छोड़ा।
लेकिन उनके पास कोई दूसरा रास्ता भी नहीं है। सही कहा गया है कि गरीब लोग पेट पालने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हो जाते हैं। पेट के लिए अवस्था क्या और गुनाह क्या?
इस पोस्ट के माध्यम से हम सरकार से अपील करते हैं कि ऐसे लोगों की मदद के लिए आगे आएं। आप भी इस पोस्ट को शेयर करके इनकी चीख सरकार तक अवश्य पहुंचाएं।