हर कोई अपना एक बेहतर भविष्य बनाना चाहता है। लेकिन उनमें से कुछ ही इसको प्राप्त करने के कठिन रास्ते पर चलने का साहस करते हैं। एक बार में उपलब्धि या गर्व की भावना प्राप्त करना आसान नहीं है।इसे प्राप्त करने में समय लगता है। आज हम आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बताने जा रहे है, जो कॉन्स्टेबल से आईपीएस ऑफिसर के पद तक पहुंचे और अपने घर वालों का नाम रौशन किया।
कौन है विजय सिंह ?
विजय सिंह गुर्जर संघर्ष, मेहनत और कामयाबी की मिसाल का दूसरा नाम है। विजय राजस्थान के झुंझुनूं जिले में नवलगढ़-उदयपुरवाटी मार्ग पर स्थित गांव देवीपुरा के रहने वाले हैं। लक्ष्मण सिंह के बेटे विजय पहले खेती करते थे। इससे उनके घर की हालत बेहतर नहीं हो रहीं थी। वह ऊंटों को जुताई के लिए ट्रेंड करते थे। और उस ट्रेंड ऊंट को वह पुष्कर मेले में बेचने का काम करते थे। इससे घर का खर्च चल जाता था ।

विजय की शिक्षा।
विजय के पढ़ाई के लिए उनके घर की हालात सही नही थी। इसलिए उनके पिता ने उन्हें संस्कृत से शास्त्री करने की सलाह दी। विजय ने पढ़ाई पूरी की और नौकरी की तलाश में लग गए। इसके बाद वह नौकरी की तलाश में दिल्ली आ गए लेकिन, यहां किसी तरह की नौकरी नहीं मिली।
दोस्त ने दी सलाह।
विजय के एक दोस्त ने उन्हें कांस्टेबल में भर्ती निकलने की बात बताई। वह दिल्ली में ही कांस्टेबल की तैयारी करने लगे। पेपर दिए और 100 में 89 नंबर लाये। जून 2010 में उन्होंने कांस्टेबल के पद पर नौकरी ज्वाइन कर ली।

लगातार 6 बार सरकारी नौकरी में हुए सफल।
अकसर हम देखते है कि लोगों को एक सरकारी नौकरी मिल जाने पर वो वही रुक जाते है। आगे के बारे में नही सोचते पर विजय ने 2010 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल पद पर नौकरी मिलने के बाद उन्हें लगा कि दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर पद के लिए तैयारी शुरू करनी चाहिए। इसमें वो सफल रहे तब उन्हें एक ही बात समझ आई कि व्यक्ति सही लक्ष्य तय करके मेहनत करे तो आगे जरूर बढ़ सकता है।

लगातार सफलता मिली।
विजय नौकरी करने के साथ ही 6 घंटे पढ़ाई कर तैयारी करते रहे। और
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी जारी रही। और दो साल बाद जनवरी 2013 में विजय गुर्जर का चयन सेंट्रल एक्साइज में इंस्पेक्टर के पद पर हो गया। केरल के तिरुवनंतपुरम में साल भर रहे और फरवरी 2014 में आयकर विभाग दिल्ली में इंस्पेक्टर बन गए। सिविल सर्विसेस में चयन होने तक यहां पर सेवाएं दी।

विजय राजस्थान प्रशासन सेवा (आरएएस) में भी चयनित हो गए। आरएएस परीक्षा 2013 में इन्होंने 556वीं रैंक और आरएएस परीक्षा 2016 में 456वीं रैंक प्राप्त की। विजय गुर्जर का लक्ष्य आईएएस बनने का था। इसलिए उन्होंने बतौर आरएएस ज्वाइन करने की बजाय अपनी सिविल सर्विसेस की तैयारी जारी रखी।
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विजय को अफसलता का मुंह भी देखना पड़ा।
विजय सिविल सर्विसेस 2013, 2014 और 2015 में प्रारम्भिक परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाए। फिर 2016 में सिविल सर्विसेस की फाइनल लिस्ट तक पहुंच सके। चार बार के असफलता से भी विजय की हिम्मत नहीं टूटी। पांचवें प्रयास में साल 2017 में यूपीएससी की परीक्षा में 574वीं रैंक हासिल की और IPS बन गए।