संघर्ष का नाम ही ज़िंदगी है जो यह समझ जाते है वो आगे जाकर जरूर सफल होते हैं।
भारत को महिला सिंगल्स क्लास 4 में सिल्वर मेडल जिताने वाली भाविना पटेल के जीवन में काफी संघर्ष आए पर उन्होंने हार नही मानी। उन्होंने अपनी कठिनाइयों का डटकर सामना किया। उनकी मेहनत का ही फल है कि उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में सिल्वर मेडल जीता है। आइये जानते है उनके संघर्ष के बारे में।
कम उम्र में हुआ पोलियो
6 नवंबर 1998 को गुजरात के मेहसाना जिले के एक सामान्य गुजराती परिवार में जन्मीं भाविना पटेल ने बचपन से ही संघर्ष किया है। जब वो 1 साल की थी उसी समय उन्हें पोलियो हो गया था। जिसके कारण वो चलने-फिरने में भी असमर्थ हो गई थी। उनके माता पिता ने इस बीमारी से निजात दिलाने के लिए विशाखापट्नम में भाविना का ऑपरेशन भी करवाया जो कि असफल रहा। लेकिन इतनी कठिनाइयों के बाद भी भाविना ने अपना हौसला नहीं खोया। उन्होंने टेबल टेनिस की ओर ध्यान केंद्रित किया।

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खेल को बनाया लक्ष्य
भाविना पटेल ने शौकिया तौर पर टेबल टेनिस खेलना शुरू किया था। वो व्हीलचेयर पर बैठकर ही टेबल टेनिस का अभ्यास किया करती थी। धीरे-धीरे उनका यह शौक ही उनका लक्ष्य बन गया। उन्होंने इसी में अपना करियर बनाने की ठानी। शादी के बाद भी भाविना ने टेबल-टेनिस खेलना जारी रखा। उनके माता-पिता के साथ पति भी उन्हें प्रेरित करते हैं। भाविना ने अपनी शुरुआती ट्रेनिंग कोच ललन दोषी के साथ शुरू की थी।
थाईलैंड चैंपियनशिप से मिली पहचान
व्हीलचेयर पर ही टेबल टेनिस खेलने वाली भाविना पटेल को नई पहचान 2011 में आयोजित पीटीटी थाईलैंड टेबल टेनिस चैंपियनशिप में व्यक्तिगत श्रेणी में भारत के लिए रजत पदक जीतने पर मिली। जिसके बाद भाविना विश्व नंबर 2 की रैंकिंग पर पहुंच गई और 2013 एशियन पैरा टेबल टेनिस चैंपियनशिप में महिला एकल वर्ग में कक्षा 4 में रजत पदक जीता। साल 2017 में भाविना ने चीन में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय टेबल टेनिस महासंघ एशियाई पैरा चैंपियनशिप में भाग लिया और अपने खिलाफ खेल रहे खिलाड़ी को 3-0 से मात देकर ब्रोंज मेडल पर कब्जा कर लिया था।

सिल्वर मेडल जीता भाविना ने
भाविना पटेल ने राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई खिताब अपने नाम किए। लेकिन उन्हें अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि टोक्यो पैरालंपिक में मिली। टोक्यो पैरालंपिक 2020 में उन्होंने टेबल टेनिस के सेमीफाइनल में विश्व नंबर 2 खिलाड़ी को हराकर भारत के लिए सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। हालांकि भाविना गोल्ड जीतने से चूक गईं। लेकिन सिल्वर मेडल जीतकर भी उन्होंने पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है।
अपनी कमजोड़ी को भुलाकर भाविना पटेल ने टोक्यो पैरालंपिक में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीत कर पूरे भारत का नाम रौशन किया है।