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Wednesday, May 31, 2023

वो 5 चीजें जो बॉलीवुड को Panchayat जैसी वेब सीरीज से सीखनी चाहिए

पंचायत वेब सीरीज (Panchayat Season 2) का दूसरा सीजन Amazon Prime Video पर रिलीज हो चुका है। पहले सीजन की तरह है यह सीजन भी दर्शकों को काफी पसंद आ रहा है। लेकिन Panchayat Web Series की सफलता बॉलीवुड को रास नहीं आ रही है। बॉलीवुड शॉक में है कि आखिर बिना किसी सुपरस्टार के कोई भी वेब सीरीज दर्शकों की पसंद कैसे बन सकती है। आखिर क्या कारण है कि जहां एक तरफ दर्शक बड़े-बड़े सुपरस्टार की फिल्में ठुकरा रहे हैं तो वही दूसरी तरफ छोटे-छोटे एक्टर सफलता के नए-नए कीर्तिमान रच रहे हैं?

Actor का नाम नहीं, एक्टर का काम है महत्वपूर्ण

Bollywood Superstar culture – आज भी बॉलीवुड सुपर स्टार कल्चर को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। बॉलीवुड के कर्ता-धर्ता सोचते हैं कि बड़े सुपरस्टार को अपनी फिल्म में लेने से दर्शक उसे पसंद कर लेंगे। लेकिन अब ऐसा नहीं है। पिछले दिनों से ही यह ट्रेंड देखा जा रहा है कि लोग एक्टर का नाम नहीं बल्कि उसके काम से उसे जज करते हैं। भले ही पंचायत वेब सीरीज में कोई सुपरस्टार ना हो लेकिन उसके कलाकारों ने जो एक्टिंग की है वह काबिले तारीफ है। इसलिए बॉलीवुड को भी यदि बदलाव लाना है तो उसे सुपरस्टार कल्चर को छोड़ना होगा।

Superstar movies of Bollywood
Representational image of Superstar movies of Bollywood

कहानी में होना चाहिए दम

Lack of good story in Bollywood movies – पिछले कई वर्षों से बॉलीवुड एक ही ढर्रे पर चल रहा है। हीरो, हीरोइन, विलन और हीरोइन का बाप, बॉलीवुड की सारी कहानी लगभग इन्हीं के इर्द-गिर्द घूमती है। बॉलीवुड में या तो अच्छी कहानियों का अभाव है या फिर अच्छे कहानीकारों को मौका नहीं मिल पा रहा है। वजह चाहे जो भी हो लेकिन इससे नुकसान बॉलीवुड का हो रहा है। ताजा उदाहरण में यह पंचायत की कहानी ही है जो दर्शकों को बांधे रखती है। इसका ताना-बाना इस तरह से बुना गया है कि यह दर्शक के दिल तक उतर जाती है। दूसरी बात यह भी है कि लोग अब बॉलीवुड की उनके घिसी-पीटी कहानियों से थक चुके हैं। उन्हें अब नई कहानियों का ताजा झोंका चाहिए और वह दर्शकों को पंचायत जैसी वेब सीरीज से मिल रहा है।

Bollywood movies with good story
Bollywood movies with good story

बॉलीवुड में गांव की कहानियों का अभाव

Bollywood movies are going far from Indian culture – फिल्म निर्माता और निर्देशक करण जौहर ने जब से फिल्मों को विदेशों में शूट करने का फैशन चलाया है। तब से ही बॉलीवुड ने फॉरेन का रूख ले लिया है। आज भी बॉलीवुड की अधिकतर फिल्में विदेशों में शुट होती हैं। यही नहीं अधिकतर फिल्मों की कहानी भी या तो विदेशी होती है। या फिर बड़े-बड़े महानगरों की। धीरे-धीरे बॉलीवुड यह भूल गया कि भारत तो गांवों का देश है। बॉलीवुड से गांव की कहानी ऐसे गुम हो गई जैसे गधे के सर से सींग। पहले तो लोगों के पास भी कोई चारा नहीं था इसलिए उन्हें बॉलीवुड की यही फिल्में देखनी होती थी। लेकिन पंचायत जैसी वेब सीरीज आने से यह सिलसिला थम गया। आज गांव की कहानी देखकर लोग उसे अपनी जिंदगी से रिलेट कर पा रहे हैं। यही कहानियां आज सफलता के नए-नए झंडे गाड़ रही हैं।

Bollywood movies based on foreign society
Representational image of Bollywood movies based on foreign society

बॉलीवुड में Adult Comedy कल्चर

Adult Comedy in Bollywood Movies – जैसे-जैसे बॉलीवुड में अच्छे कहानियों का अभाव होता गया। बॉलीवुड ने अपना रुख अश्लीलता की ओर कर लिया। आज बॉलीवुड की लगभग हर फिल्म में अश्लील कॉमेडी परोसी जा रही है। इन फिल्मों को मिलने वाली सफलता को बॉलीवुड ने ग्रांटेड ले लिया। उन्होंने सोचा की फिल्में हिट कराने का फार्मूला अश्लीलता ही है। लेकिन पंचायत जैसी वेब सीरीज ने उनके इस मिथक को तोड़ दिया। पंचायत ने यह दिखा दिया की अश्लीलता के बिना भी कॉमेडी की जा सकती है। आम जीवन की छोटी-छोटी घटनाएं भी लोगों को हंसा सकती है। इससे सबक लेते हुए बॉलीवुड को भी अपनी फिल्मों में अश्लीलता कम करनी चाहिए और साफ-सुथरे कॉमेडी की ओर रुख करनी चाहिए।

Grand Masti Movie Poster
Representational image of adult comedy movie in Bollywood

Nepotism को बढ़ावा

Nepotism in Bollywood – बॉलीवुड इंडस्ट्री में पंकज त्रिपाठी, संजय मिश्रा, राजकुमार राव और नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे मंझे हुए कलाकारों को भी लंबा संघर्ष करना पड़ा। इससे एक बात तो साफ है कि बॉलीवुड काम नहीं बल्कि जुगाड़ देखता है। यदि आप किसी स्टार घराने से हैं तो आपको फटाफट काम मिल जायेगा। अर्जुन कपूर से लेकर सारा अली खान तक, बॉलीवुड में Nepotism की जड़ें बहुत गहरी हैं। कई मीडिया रिपोर्ट में यह भी लिखा गया कि बॉलीवुड में काम करने के लिए आपको फटाफट अंग्रेजी बोलना आना चाहिए। इसके अलावा आपका जुगाड़ भी होना चाहिए।

Starkids
Representational image of Star Kids.

नेपोटिज्म बॉलीवुड की कब्र खोदने में कोई कमी नहीं कर रहा है। इससे बॉलीवुड को यह नुकसान हो रहा है कि उसे अच्छे कलाकार नहीं मिल पा रहे हैं। नेपोटिज्म के कारण बॉलीवुड के बड़े-बड़े परिवार अपने बच्चों को फिल्मों में रोल देते हैं। और उनमें से कई स्टारकिड की एक्टिंग देख के लोग बॉलीवुड फिल्मों से मुख मोड़ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि स्टारकिड अच्छी एक्टिंग नहीं करते हैं, लेकिन उन्हें जिस आसानी से लौंच कर दिया जाता है, वह सुगमता साधारण परिवार से आने वाले अच्छे कलाकारों को नहीं मिल पाती है।

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तो यह थी वह पांच चीजें जो बॉलीवुड को पंचायत जैसी वेब सीरीज से सीखनी चाहिए। अब अगर बॉलीवुड समय रहते सीख जाता है तो ठीक है। नहीं तो जिस तरह से लोगों का बॉलीवुड से मोहभंग होता जा रहा है। वह दिन दूर नहीं जब बड़े-बड़े सुपरस्टार की फिल्में भी बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर जाएंगी। यदि आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।

Shubham Jha
Shubham Jha
शुभम झा (Shubham Jha)एक पत्रकार (Journalist) हैं। भारत में पत्रकारिता के क्षेत्र में बदलाव लाने की ख्वाहिश रखते हैं। वह चाहते हैं कि पत्रकारिता स्वच्छ और निष्पक्ष रूप से किया जाए। शुभम ने पटना विश्वविद्यालय (Patna University) से पढ़ाई की है। वह अपने लेखनी के माध्यम से भी लोगों को जागरूक करते हैं।

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