कहा गया है कि अगर हम अपने काम में लगे रहे तो हम जो चाहे वह कर सकते हैं। इस बात को एक पिता पुत्र की जोड़ी ने साबित कर दिखाया है। कर्नाटक (Karnatak) के रहने वाले एक पिता पुत्र की जोड़ी ने कड़ी मेहनत कर एक साथ SSLC की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। आइये जानते हैं इस पूरी खबर के बारे में।
एक साथ पास किया 10वीं
सेकेंडरी एजुकेशन एग्जामिनेशन बोर्ड कर्नाटक ने एसएसएलसी यानि 10वीं बोर्ड परीक्षा की परिणाम बीते गुरुवार को जारी कर दिया है। कर्नाटक के जिला बेल्लारी (Bellari) के रहने वाले एक पिता पुत्र की जोड़ी ने एक साथ तैयारी कर SSLC परीक्षा में पास हुए। कर्नाटक जिला बेल्लारी के तालुक के देवलापुर (Devlapur) गांव के रहने वाले बेटा भारत गौंडू (Bharat Gowdru) एवं पिता शनमुगप्पा गौंडू (Shanmungapa Gowdru) ने एक साथ मेहनत कर बोर्ड परीक्षा में उत्तीर्ण हुए है।

पिता पुत्र ने की कड़ी मेहनत
शनमुनगप्पा ने 625 में 307 अंक हासिल किए हैं, वही उनके बेटे ने 625 में 500 अंक के साथ उत्तरण हुआ है। रिजल्ट (Result) आने के बाद इस परिवार में खुशी दोगुनी देखने को मिली क्योंकि इस बार एक ही परिवार के पिता और पुत्र दोनों ने इस परीक्षा के लिए एकजुट होकर कड़ी मेहनत किया था और दोनों ही उत्तीर्ण हो गए। बहुत कम बार ऐसा देखने को मिलता है कि पिता और पुत्र दोनों एक साथ मेहनत करके बोर्ड परीक्षा दे और अगर बोर्ड परीक्षा दे भी दे तो अच्छे नंबर से उत्तीर्ण होना सबकी बस की बात नहीं होती लेकिन इस पिता-पुत्र की जोड़ी ने यह कर दिखाया है कि अगर कुछ करने की ठान ले तो हम कर सकते हैं।
गांव के लोगों के लिए प्रेरणा
इनकी जोड़ी देखकर गांव के अन्य लोग भी पढ़ाई करने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। शनमुनगप्पा पेशे से एक किसान है और उनका सपना था कि वह भी बाकी लोगों की तरह 10वीं बोर्ड परीक्षा पास करें। शनमुनगप्पा स्कूल डेवलपमेंट मैनेजमेंट कमिटी के भी सदस्य हैं। इससे पहले शनमुनगप्पा अपनी बेटी के साथ परीक्षा दिए थे लेकिन दुर्भाग्यवश पास नहीं हो पाए थे। वह हिंदी (Hindi) और कन्नड़ (Kannad) भाषा में फेल हो गए थे लेकिन अपने बेटे के साथ परीक्षा देते समय वह सभी विषयों में पास हो गए।

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हेड मास्टर करते थे मदद
मीडिया रिपोर्टर्स (Media Reporters) के अनुसार शनमुनगप्पा का बेटा-बेटी ने उन्हें आगे पढ़ने के लिए प्रेरित किया। शानमुनगप्पा स्कूल के बच्चों को बोर्ड परीक्षा के लिए पढ़ाई में कड़ी मेहनत करता देख भी प्रेरित होते थे। उनके पढ़ाई में उनके बेटे ने उनकी खूब मदद की। एस.पी सोमशेखर (S.P Somshekhar) स्कूल के हेडमास्टर ने भी समय-समय पर शनमुनगप्पा का पढ़ाई में मदद करते रहते थे।
लड़कियों ने मारी बाजी
वहीं इस वर्ष कर्नाटक बोर्ड परीक्षा (Karnatak Board Exam) में 85.63 प्रतिशत लड़के एवं 90.29 प्रतिशत लड़कियां उत्तीर्ण हुई है। इस बार भी अन्य वर्षो की तरह ही लड़कियों ने बाजी मार ली है। 145 छात्रों ने इस वर्ष 100 प्रतिशत अंक प्राप्त किया है। कर्नाटक की लड़कियां लड़को से ज्यादा अंक लाकर राज्य का नाम भी रौशन की हैं।

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