हमारे देश में अगर महिलाओं की स्थिति के बारे में बात की जाए तो यहां बहुत अच्छा नहीं है। राह चलते हुए लड़कियों के साथ मस्ती-मजाक करना यह आम बात है। कुछ लोग इसका विरोध करते हैं तो बहुत सारे लोग इसको बढ़ावा भी देते है। हम आज आपको एक ऐसी लड़की के बारे मे बताने जा रहे हैं जिसने चलती बस मे दूसरी महिलाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को देखते हुए IPS बनने का फैसला किया, ताकि समाज में हो रहे महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार को रोक सके।

शालिनी अग्निहोत्री जब छोटी सी उम्र में बस में सफर कर रही थी, तब उन्होंने बस मे एक महिला के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को देखा। और उसी समय पुलिस बनने का निश्चय कर लिया। शालिनी के पिता जो उसी बस में कंडक्टर का काम करते थें। एक बस कंडक्टर की बेटी का साहस बस मे बैठे तमाम लोगों के मुंह पर तमाचा था। तभी से शालिनी का आईपीएस बनने का सफर शुरू हो गया।
IPS शालिनी अग्निहोत्री
शालिनी अग्निहोत्री(Shalini Agnihotri)
हिमाचल प्रदेश(Himachal Pradesh) के ऊना के ठट्टल गांव की निवासी है। उनके पिता एचआरटी मे बस कंडक्टर के रूप मे कार्यरत हैं। उनसे पहले उनके परिवार में कोई भी उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं किया था। इसीलिए उनको आगे की पढ़ाई के लिए मार्ग दिखाने वाला उनके परिवार में कोई नहीं था। इसके बावजूद भी शालिनी के माता पिता ने उनके सपनो का सम्मान करते हुए शिक्षा को महत्व दिया। माता-पिता का साथ शालिनी के लिए सबसे बड़ा साहस था।

शालिनी अग्निहोत्री की शिक्षा
शालिनी अग्निहोत्री(Shalini Agnihotri) की शुरुआती पढ़ाई धर्मशाला से हुई। उन्होंने अपने आगे की पढ़ाई हिमाचल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से की। जब शालिनी ने 12 वीं पास किया तो उसके बाद उनको पता चला कि अधिकारी बनने के लिए UPSC की परीक्षा पास करनी पड़ती है। तब वह ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर UPSC की तैयारी में लग गई।

2012 में शालिनी ने यूपीएससी(UPSC) की परीक्षा पास कर 285 वीं रैंक हासिल की।
दिसंबर 2012 में शालिनी अपने ट्रेनिंग की शुरुआत की, जिसमें वह टॉपर रही। ट्रेनिंग में टॉपर रहने के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ ट्रेनी का खिताब भी मिला। इसके बाद उन्हें देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा सर्वश्रेष्ठ ऑल राउंडर ट्रेनिंग ऑफिसर बनने के लिए सम्मानित भी किया गया। जब उनका ट्रांसफर कुल्लू में हुआ तब उन्होंने नशे का अवैध कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर उस पर रोक लगाने में सफल रहीं। शालिनी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है। जिस तरह से शालिनी ने अनेक कठिनाइयों का सामना कर अपने हौसलों को उड़ान दिया वह प्रेरणादायक है। एक बस कंडक्टर की बेटी होने के बावजूद भी शालिनी ने IPS बनकर अपने परिवार को गौरवान्वित होने का मौका प्रदान किया। साथ ही समाज सेवा के लिए अपना कदम आगे बढ़ाया।