यह बात बिल्कुल गलत है कि व्यापार सिर्फ़ अमीर लोग ही कर सकते हैं। छोटे शहर के लोग छोटे स्तर पर भी व्यापार शुरू कर सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं हम छोटे स्तर पर शुरू किये गये बिज़नेस को बड़ा भी बना सकते हैं। लेकिन सबसे ज़रूरी बात ये है कि आपको पता होना चाहिये कि आपके शहर में कम पैसों में कौन सा व्यापार शुरू किया जा सकता है?
आज हम आपको एक ऐसे ही इंसान के बारे में बताएंगे जिन्होंने महज़ 5 रुपये के नमकीन का पैकेट बेचकर खड़ी की 850 करोड़ की कम्पनी।
प्रताप स्नैक्स कंपनी का परिचय।
इंदौर स्थित स्नैक फूड कंपनी ‘प्रताप नमकीन’ ने जब छल्ले बनाने शुरु किये थे, तो उन्हें मालूम भी नहीं था कि एक दिन वो इस क्षेत्र में अग्रणी कंपनियों में से एक हो जाएंगे। आज यह क्षेत्रीय ब्रांड विदेशी कंपनियों को भी जबरदस्त टक्कर दे रहा है। खास बात ये है कि कई लोगों ने इस ब्रांड का नाम भी नहीं सुना होगा, लेकिन आज ये कंपनी सलाना 850 करोड़ का टर्नओवर कर रही है।

दोस्तों ने साथ मिलकर की थी कंपनी की शुरुआत।
अमित कुमात और अपूर्व ने अपने दोस्त अरविंद मेहता के साथ मिलकर साल 2003 में इस कंपनी की नींव रखी थी। आज ये देशभर में 4 कारखानों के साथ 24 राज्यों में 168 स्टोर हाउस और 2900 वितरकों का एक विशाल नेटवर्क तैयार कर चुका है।

शुरुवात में घाटे का सामना करना पड़ा।
स्नैक्स कंपनी में करीब 10 साल काम करने के बाद अमित ने 2001 में कारोबारी जगत में घुसने का फैसला लिया। उन्होने रसायन विनिर्माण का क्षेत्र चुना, लेकिन इस कारोबार को शुरु करने के एक साल के भीतर ही कंपनी पर 6 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया, जिसके बाद उन्होने बिजनेस बंद करने का फैसला लिया, शुरुआती असफलता से उन्हें बेहद धक्का लगा। अमित ने इस घाटे से ना सिर्फ अपनी सारी बचत गंवा दी, बल्कि इंदौर में अपने साथी व्यापारियों के बीच सम्मान भी खो दिया ।

खुद को संभाला और सपनों को पूरा किया ।
अमित ने 2002 में अपने भाई अपूर्व और दोस्त अरविंद के साथ इंदौर में नमकीन का व्यवसाय शुरु करने का आइडिया साझा किया, तीनों ने अपने परिवार वालों पर काफी दवाब बनाने के बाद 15 लाख रुपये से प्रताप स्नैक्स के रुप में अपने सपने की नींव रखी। कम पूंजी होने की वजह से उनके पास सीमित साधन थे, साथ ही संयंत्र लगाने के लिये पर्याप्त जगह भी नहीं था। पहले साल कंपनी ने 22 लाख का मुनाफा कमाया, दूसरे साल ये 1 करोड़ पहुंच गया, तीसरे साल टर्नओवर 7 करोड़ का छू गया।
बाजार पर पूरी तरह किया कब्जा ।
साल दर साल स्नैक्स फूड मार्केट में उनका कब्जा बढता चला गया, 2010 से 2015 तक उनकी बाजार हिस्सेदारी एक फीसदी से बढकर 4 फीसदी हो गई। इंदौर जैसे छोटे शहर से निकलकर अपने आइडिया से मल्टीनेशनल कंपनियों को कांटे की टक्कर देने वाले इन युवाओं की सोच को आज दुनिया सलाम कर रही है।