सन् 1947 के बाद भारत पूरी तरह से अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हो गया था। फिरंगियों के चंगुल से आजाद होने के बाद भारत में बच्चों, औरतों और पुरुषों को खुली हवा में अपने पंख फैलाकर उड़ने का अधिकार मिल गया था। देश तो आजाद हो गया पर उस आजादी की लड़ाई में भारत ने अपने कई शेर भी खो दिए।
देश आजाद हुआ फिर विकास का काम शुरु हुआ शिक्षा, खान-पान, रहन-सहन, तकनीकी क्षेत्र हर चीजों में जमकर बदलाव हुआ और आज भारत देश की अर्थव्यवस्था मजबूती के मामले में एशिया में दूसरे नंबर पर है। देखा जाए तो हमारी आज की पीढ़ी को देश की पुरानी धरोहर के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है।
क्योंकि जब इनका जन्म हुआ तो इनके सामने देश की राजधानी दिल्ली, महानगर मुंबई, कलकत्ता, चेन्नई जैसा चमचमाता हुआ शहर दिखा। आज हम आपको ऐसे ही कुछ तस्वीर दिखाएगें जिसे देख आप कहेंगे क्या ऐसा था भारत, इन तस्वीरों में आप देखेंगे कि हमारा भारत देश 100 साल पहले कैसा था। कैसी सभ्यता थी देश की, उस समय लोग कैसे रहते थे। उस समय के लोग कैसे दिखते थे। उनका रहन-सहन कैसा था एवं उस जमाने के लोकप्रिय लोग भी कैसे दिखते थे। आइये तस्वीर के माध्यम से इसे जानते है।
52वीं सिख रेजिमेंट – कोहाट 1905

उस वक़्त बैडमिंटन एक नया गेम था – 1874

ब्रेकफ़ास्ट के वक़्त ब्रिटिश अधिकारी – 1858

उस वक़्त आने- जाने के लिए ऐसे ही जानवरों का इस्तेमाल होता था।

हाथियों पर शाही सवारी – 1878

ब्रिटिश भारत में एक सार्वजनिक फांसी।

महाराजा रणजीत सिंह

चिमनाबाई टॉवर – बड़ौदा 1895

जम्मू और कश्मीर के महाराजा – 19वीं सदी के अंत की तस्वीर

जोधपुर के राजकुमार सरदार सिंह (1880- 1911) – 1885

बर्लिन ओलंपिक के दौरान भारतीय हॉकी टीम – 1936

जयपुर की महारानी गायत्री देवी – 1940

भारतीय व्यापारी खाते का मिलान करते हुए – 1920

ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा ढाला गया आधे आने का सिक्का

1000 रुपये का नोट

पहली मुंबई – ठाणे पैसेंजर ट्रेन – अप्रैल, 1853

अपने बच्चे के साथ ब्रिटिश महिला और साथ में आया – 1860

तारा वाली कोठी या स्टार हाउस – लखनऊ 1870

तेलवा ब्रिज दुर्घटना, ईस्ट इंडिया रेलवे – 1870

भट्टिया पगड़ी फोल्डर – 1873

टेलीग्राफ कार्यालय, कलकत्ता (कोलकाता) – 1878

एलिफेंटा गुफ़ा, महाराष्ट्र – 1880

बड़ौदा की ताराबाई, जमना बाई और गायकवाड़ – 1880

नारियल के ताड़ के पत्तों से छप्पर बनाते- केरल 1921

एक चूड़ी फैक्ट्री के दृश्य- 1930

एक पारसी परिवार, बॉम्बे (मुंबई) – 1880

बनारस (वाराणसी) में झगड़ा करते लोग ।
