हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में रंगों का बड़ा महत्वपूर्ण रोल होता है। वैसे तो दुनिया में हज़ारों रंग हैं, पर आश्चर्य की बात यह है कि दुनियाभर में स्कूल बस का रंग पीला ही होता है। तो आइये जानते हैं इसका कारण…
इसे समझने के लिये आपको सबसे पहले ‘VIBGYOR’ का सिस्टम समझना होगा। इसे समझ कर ही हम इन रंगों का समीकरण समझ सकते है। लाल रंग का वेवलेंथ सबसे ज्यादा होता है इसीलिए लाल रंग को हम अन्य रंग के तुलना में सबसे ज्यादा दूर से देख सकते है। इसीलिए लाल रंग को खतरे के रूप में ट्रेफिक लाइट पर सिग्नल के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। पीला रंग का वेवलेंथ लाल से कम और ब्लू से ज्यादा होता है।

लाल के बाद जो रंग सबसे ज्यादा अपनी ओर लोगों को आकर्षित करता है वह है पीला। पीले रंग को दूर से भी देखा जा सकता है इसीलिए स्कूल बसों का कलर पीला होता है। पीले रंग को बारिश, कोहरा धुंध में भी पहचाना जा सकता है। भारत में स्कूल बसों का पीला रंग होना सुप्रीम कोर्ट का फैसला है। दरअसल स्कूल बसों को पीले रंग में रंगने के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कई निर्देश जारी किए थे।

- स्कूल बस में फर्स्ट एड बॉक्स रखना जरूरी है।
- स्कूल बस अगर हायर है तो उसपे ऑन स्कूल ड्यूटी लिखना अनिवार्य है।
- बस के आगे पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिए।
- हर स्कूल बस की खिड़की पर ग्रिल लगाना आवश्यक है।
- बस में अग्निशामक यंत्र लगाना जरूरी है।
- हर बस पर स्कूल का नाम और स्कूल का टेलीफोन नंबर लिखना आवश्यक है।
- प्रत्येक बस के दरवाजे में लॉक लगा होना चाहिए।
- स्कूल बस में स्कूल बैग सुरक्षित रहे इसके लिए सीट बनी होनी चाहिए।
- अधिकतम बस की स्पीड 40 किमी प्रति घंटा होनी चाहिए एवं बस में स्पीड गवर्नर लगे होने चाहिए।
- अगर गाड़ी में स्कूल के बैग हो तो उसमे पीले रंग के साथ 150 एमएम की हरी पट्टी होनी चाहिए। पट्टी पर स्कूल बैग कैब लिखना जरूरी है।
- प्रत्येक बच्चा जो 12 साल के ऊपर का है उसे एक व्यक्ति के रूप में माना जाएगा। 12 साल से कम उम्र वाले बच्चों को स्कूल बस में सीटिंग कैपेसिटी से डेढ़ गुना ज्यादा बच्चे नहीं बिठाए जाने चाहिए।
- बस के चालक के पास कम से कम 4 साल के लिए एलएमवी का ड्राइविंग लाइसेंस होना आवश्यक है। ड्राइवर को हल्के नीले रंग की शर्ट पैंट और काले जूते पहने होंगे शर्ट पर नाम और आईडी लिखना होना जरूरी है।
- स्कूल बस में कितने बच्चे बैठे हैं इसकी जानकारी ड्राइवर को होनी चाहिए। हर बच्चे का नाम, क्लास, घर का पता, ब्लड ग्रुप, चढ़ने उतरने का स्थान, रूट प्लान आदि सभी की जानकारी ड्राइवर को मालूम होनी चहिए।
- गार्जियन के लेने आने के बिना स्कूल बस से बच्चे को उतरने नहीं देना होगा और और यदि गार्जियन नहीं आये तो बच्चे के घर पर सूचना देनी होगी।

तो आज से आप भी अपने बच्चों के स्कूल बस में ये चीज़े ज़रूर देखें।