जीवन में किसी भी चीज को पाने के लिए मेहनत से पहले मजबूत इच्छाशक्ति का होना बेहद जरूरी है। जैसे, कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति शुरुआत में किसी चीज को पाना चाहता है लेकिन धीरे-धीरे उसका हौंसला टूटने लगता है या उसका मन बदल जाता है, ऐसा कमजोर इच्छाशक्ति के कारण होता है इसलिए किसी भी चीज को पाने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति का होना बहुत जरूरी है। जीवन में कई बार ऐसे मौके आते है जब आपका विश्वास डगमगाने लग जाएगा और आपको लगेगा कि आपका लक्ष्य व्यर्थ है, लेकिन उस वक्त आपको इन नकरात्मकताओं से दूर रहकर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना है।
इसी तरह के दृढ़ संकल्प लिए एक ऐसे व्यक्ति के बारे में हम आपको बताने जा रहे है जिन्होंने अपने पिता के सपनों को साकार कर दिया। पिता का सपना था कि उनका बेटा सरकारी अफसर बने और बेटे ने भी अपने पिता के सपने को पूरा कर पिता का सम्मान बढ़ाया। इससे बड़ी बात क्या हो सकती है कि उनके बेटे ने उनके सपनों को पूरा किया।
सूर्यकांत द्विवेदी जो कि उत्तरप्रदेश राय बरेली जिले के रहने वाले हैं। वह लखनऊ विश्वविद्यालय में सिक्योरिटी गार्ड का कार्य करते थे। इनके बेटे का नाम कुलदीप द्विवेदी है। वह चाहते थे कि उनका बेटा अफसर बने।

बेटे कुलदीप ने भी अपने नाम की तरह अपने घर का दीपक जलाया और उन्होंने प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल से ही पूरा किया। उसके बाद 2009 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से हिन्दी विषय से B.A की डिग्री प्राप्त किए। फिर उसी यूनिवर्सिटी से उन्होंने भूगोल से स्नातकोत्तर की पढ़ाई की। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वे UPSC की तैयारी करने के लिये दिल्ली चले गये और वहां रहकर यूपीएससी के परीक्षा की तैयारी में लग गए।
घर की स्थिति सही नही होने के कारण उन्हें रहने के पैसे भी कम ही मिलते थे पर अपने सफलता के लिए उन्होंने बहुत मेहनत की। एक कमरे में दो व्यक्तियों के साथ रहकर अनेक परेशानी झेलकर उन्होंने 2015 में यूपीएससी की परीक्षा पास की। उन्होंने UPSC में 242वां रैंक हासिल किया। इससे पहले उन्हें 2 बार असफल होना पड़ा। पर अपने मेहनत और संकल्प के साथ वह आज सफल हो गए। आज उनपर उनके माता- पिता को गर्व है।