देश में महिला सशक्तिकरण का हर तरफ डंका बज रहा है। घर से लेकर रणक्षेत्र तक में देश की बेटियां अपना लोहा मनवाने लगी हैं। सरकार ने भी बेटियों को आगे बढ़ने के लिए रास्ते में आने वाले हर अवरोध को हटाने का काम किया है। तभी तो देश में आज हर तरफ महिलाएं अपना योगदान दे रही है। किसी भी देश के विकास में महिलाओं का योगदान सर्वोपरि रहा है। आज हम आपको एक ऐसे महिला के बारे में बताएंगे जो बिहार से निकली और भारतीय नौसेना में पहली महिला पायलट बनी,और पूरे राष्ट्र का मान बढ़ाया।
कौन है शिवांगी ?
यूं तो महिलाएं दुनिया के हर क्षेत्र में खुद को साबित कर रही हैं और अपनी कामयाबी के झंडे गाड़ रही हैं। पर शिवांगी के सपने ही अलग थे। कल तक नेवी में किसी महिला का पायलट होना एक दूर की कौड़ी थी लेकिन अब ये सच्चाई है। और इसे साबित किया है बिहार के मुजफ्फरपुर की शिवांगी सिंह ने। शिवांगी सिंह भारतीय नौसेना में पहली महिला पायलट बनी हैं। 2 दिसंबर 2019 को शिवांगी को अधिकारिक तौर पर नौसेना में पायलट के रूप में शामिल कर लिया गया।

शिवांगी मुज़फ़्फ़रपुर से पढ़ी हैं।
शिवांगी की पढ़ाई मुज़फ़्फ़रपुर से हुई है। बचपन से ही शिवांगी आसमान में उड़ना चाहती थीं, लेकिन नौसेना के बारे में उन्हें बहुत कुछ नहीं पता था। वह मणिपाल इंस्टिट्यूट से एमटेक की पढ़ाई करते हुए एसएसबी की परीक्षा दी लेकिन वो उसमें असफल रहीं।

एसएसबी में सफल हुई शिवांगी।
उन्होंने मालवीय नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी से एमटेक के कोर्स में दाखिला लिया और 2018 में एक बार फिर उन्होंने एसएसबी का एग्जाम दिया। जिसमें वो सफल रहीं। शिवांगी ने पिछले छह महीने कोच्चि में इंडियन नेवल एयर स्क्वॉड्रन 550 के साथ डोर्नियर 228 एयरक्राफ्ट को उड़ाना सीखा है। फ़िलहाल वो नौसेना में डोर्नियर 228 उड़ाएंगी, ये एयरक्राफ्ट नौसेना में पेट्रोलिंग के काम आता है।

परिवार में है खुशी का माहौल।
शिवांगी की क़ामयाबी से उनके परिवार में बेहद ख़ुशी का माहौल है। पिता हरि भूषण सिंह को जब लोग कहते हैं कि उनकी बेटी ने बहुत अच्छा किया है तब उन्हें और ख़ुशी होती है। आज शिवांगी के वजह से ही उनके पिता का नाम रोशन हुआ है।
महिला अफसरों की कमी।
भारत सरकार ‘नारी शक्ति’, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियानों की बात तो करती है लेकिन रक्षा मंत्रालय के अनुसार नौसेना में महज 6.7 प्रतिशत महिला अफ़सर हैं। जो चिंता की बात है पर भारत की बेटियों का योगदान काफी सराहनीय है ।