केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर आयी है। मंहगाई भत्ते पर लगी रोक को आज हटा लिया गया है। इसके साथ ही तीन किश्तों को मिलाकर 11% महंगाई भत्ता बढ़ाने का भी फैसला हुआ है। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते पर डेढ़ साल से लगी रोक हटा दी है। भत्ते को 17 से बढ़ाकर 28 फीसदी कर दिया गया है। बढ़ती महंगाई के बीच इस फैसले से करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को फायदा पहुंचेगा।
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में निर्णय
केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। क’रोना काल में बढ़ती महंगाई के बीच इस फैसले से करीब 48.34 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65.26 लाख पेंशनरों को फायदा पहुंचेगा। केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को करीब एक साल बाद प्रत्यक्ष तौर पर बैठक हुई थी। केंद्रीय कर्मचारियों को पेंशनरों को सितंबर महीने से डीए मिलना शुरू हो जाएगा और उन्हें जुलाई से बढ़ा हुआ डीए मिलेगा।

क’रोना के वजह से हुई थी रोक
केंद्रीय कर्मचारियों को पेंशनर्स को डीए और डीआर की किस्तें पिछले चार अवधियों से नहीं मिली हैं। 1 जनवरी 2020 की अवधि वाले डीए को 13 अप्रैल 2013 को अगले एक साल तक रोक दिया गया था। सरकार इस पूंजी को मेडिकल इमरजेंसी के लिए बचाकर रखना चाहती थी। वित्त मंत्रालय ने जून 2021 तक महंगाई भत्ते (डीए) में वृद्धि पर रोक लगाने पर सहमति व्यक्त की थी।
महंगाई भत्ता क्या है?
महंगाई भत्ता वेतन का एक हिस्सा है। यह कर्मचारी के मूल वेतन का एक निश्चित फीसदी होता है। देश में महंगाई के असर को कम करने के लिए सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते का भुगतान करती है। इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता है। रिटायर कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलता है। हर दो साल में सरकारी कर्मचारियों का डीए संशोधित किया जाता है।

कर्मचारियों में खुशी की लहर
यह खबर कर्मचारियों के लिए जरूर सुखद भरी होगी। भत्ता के इजाफे से क’रोना में हुए घाटे की भरपाई हो पाएगी। केंद्र सरकार ने पूर्व में ही कहा था कि स्थिति सामान्य होने पर भत्ता को फिर से कर्मचारियों को दिया जाने लगेगा। और अब केंद्र सरकार अपनी बातों पर खड़ा उतरते हुए भत्ता पर लगे रोक को वापस ले लिया है।