मसाला फसलों में जीरे का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है। कोई भी सब्जी बनानी हो या दाल या अन्य कोई डिश सभी में जीरे का प्रयोग किया जाता है। बिना इसके सारे मसालों का स्वाद फीका सा लगता है। जीरे को भूनकर छाछ, दही आदि में डालकर खाया जाता है। जीरा न केवल आपके स्वाद को बढ़ाता है बल्कि स्वास्थ की दृष्टि से भी इसका सेवन काफी फायदेमंद है।आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में बताएंगे जो जीरे की खेती अपने 2 बीघे जमीन में किया और आज यह 60 करोड़ रुपये वर्ष में कमा रहे हैं।
कौन है योगेश जोशी।
योगेश जोशी राजस्थान के जालोर जिले के रहने वाले है। इस युवा किसान के घरवाले चाहते थे कि वह सरकारी नौकरी करें, लेकिन वह मन बना चुके थे कि खेतीबाड़ी में ही अपना भविष्य तलाश करेंगे। इस नौजवान का नाम योगेश जोशी हैं, इनके पिता का नाम भीखाराम और चाचा पोपटलाल है । उनके लाख समझाने के बावजूद भी सरकारी नौकरी के बारे में एक बार भी नहीं सोचा और जुट गए जैविक खेती करने में।

पढ़ाई के दौरान रुचि बढ़ा।
योगेश की खेती में रूचि उनकी पढ़ाई के दौरान जगी। योगेश ने ग्रेजुएशन के बाद ऑर्गेनिक फार्मिंग में डिप्लोमा किया था। परिणाम यह हुआ कि खेती में उनका इंटरेस्ट जाग उठा, पर घर वाले चाह रहे थे कि योगेश सरकारी नौकरी की तैयारी करें। उनसे यह तक कहा गया कि यदि खेती का शौक ही चढ़ आया है तो एग्रीकल्चर सुपरवाइजर बनकर खेती और किसानों की सेवा करनी चाहिए, सीधे तौर पर किसान बनकर खेती करने का जोखिम मत उठाओ। वह अपने घर के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इस तरह के साहसिक क़दम उठाया।
असफल हुए हिम्मत नही हारी।
जब इन्होंने खेती की शुरुवात की तो जैविक खेती का इतना माहौल नहीं था, इसलिए शुरुआत में योगेश ने इस बात पर फोकस किया कि इस क्षेत्र में कौनसी उपज लगाई जाए जिससे ज्यादा मुनाफ़ा हो, बाज़ार मांग भी जिसकी ज्यादा रहती हो। उन्हें पता चला कि जीरे को नगदी फसल कहा जाता है और उपज भी बम्पर होती है, उन्होंने इसे ही उगाने का फैसला किया। 2 बीघा खेत में जीरे की जैविक खेती की, वे असफल हुए पर हिम्मत नहीं हारी।

कुछ किसानों को जोड़कर शुरू की खेती।
शुरुवात में 7 किसानों को जोड़कर जैविक खेती की शुरुआत की ,योगेश ने जोधपुर स्थित काजरी के कृषि वैज्ञानिक डॉ. अरुण के. शर्मा से संपर्क किया, वे इनके गाँव सांचोर आए और जैविक खेती के संबंध में प्रशिक्षण दिया। पहली बार इन किसानों को जीरे की फसल में कामयाबी मिली।
योगेश कामयाब हुए।
आज उनके साथ 3 हजार लोग जुड़ चुके हैं और वह लाखो रुपये हर माह कमा रहे हैं।योगेश की एक प्राइवेट कम्पनी है। जिसका नाम ऑर्गेनिक प्राइवेट लिमिटेड है। उनके साथ अब 2 कम्पनी और जोड़ चुकें है। अब उनका वार्षिक टर्नओवर 60 करोड़ है। आज वह अपनी इस सफलता से बहुत से लोगों की मदद कर चुकें हैं।