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Wednesday, May 31, 2023

पिता के साथ चाय बेचकर बना IAS अफसर, हिमांशु गुप्ता की कहानी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा

हर किसी का सपना होता है कि वह जीवन में सफलता के मुकाम पर पहुँचे इसके लिए लोग कई तरह के सपने देखते हैं और यह सच भी है कि सपने सोने नही देते। जब तक इंसान अपने सपने को पूरा नही कर लेता है तब तक वह नींद में भी जगा हुआ होता है। उसे नींद आती भी है तो सपने में उसका लक्ष्य दिखता है।

इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं आईएएस अफसर हिमांशु गुप्ता।हिमांशु ने जीवन की कठिनाईयों से लड़ते हुए आईएएस बनने का अपना सपना पूरा किया। हिमांशु को एक समय ठेले पर चाय तक बेचनी पड़ी पर वह इन चीजों से कभी घबराए नही और अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए निरंतर लगे रहे। आइये जानते हैं हिमांशु गुप्ता के जीवन के बारे में।

संघर्ष के बीच बीता जीवन

उत्तराखंड (Uttarakhand) के सितारगंज के एक समान्य परिवार में जन्में हिमांशु गुप्ता (Himanshu Gupta) बचपन से पढ़ाई में काफी अच्छे थे। लेकिन उनका बचपन आम बच्चों से काफी अलग था, क्योंकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और उन्होंने अपना बचपन बेहद गरीबी में बिताया । हिमांशु के पिता पहले दिहाड़ी मजदूर का काम करते थे, लेकिन इससे मुश्किल से परिवार का गुजारा हो पाता था।

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पिता के साथ चाय के दुकान पर काम किया

हिमांशु के पिता ने बाद में चाय का ठेला लगाना शुरू किया और हिमांशु भी स्कूल के बाद इस काम में अपने पिता की मदद करते थे। वो पढ़ाई के साथ-साथ घर चलाने के लिए पिता की मदद किया करते थे। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद हिमांशु गुप्ता ने दिल्ली के हिंदू कॉलेज में एडमिशन लिया। ये वो समय था जब वह पहली बार किसी शहर में गए थे। पैसों की तंगी को दूर करने के लिए वो दिल्ली में ही ट्यूशन पढ़ाने लगे। किसी तरह उन्होंने अपने स्नातक की पढ़ाई पूरी की।

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यूपीएससी को लक्ष्य माना

स्नातक के बाद हिमांशु ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) से पर्यावरण विज्ञान में मास्टर डिग्री के लिए दाखिला लिया और कॉलेज में टॉप किया। इसके बाद हिमांशु के पास विदेश जाकर पीएचडी करने का मौका था, लेकिन उन्होंने देश में रहने का और देश सेवा करने का फैसला किया। इसके लिए उन्हें यूपीएससी सबसे सही रास्ता दिखा। उन्होंने इसे ही अपना लक्ष्य बना लिया।

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ऐसे बने आईएएस ऑफिसर

हिमांशु गुप्ता ने कड़ी मेहनत की और साल 2018 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी और पहली ही बार में वो पास हो गए। लेकिन उनका चयन भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) के लिए हुआ लेकिन उनका लक्ष्य IAS बनना था इसलिए उन्होंने तैयारी जारी रखी और साल 2019 में दोबारा एग्जाम दिया। दूसरे प्रयास में हिमांशु का चयन भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के लिए हुआ। उन्होंने IPS की ट्रेनिंग लेने के बाद साल 2020 में अपना तीसरा प्रयास दिया और इस बार उन्होंने अपने लक्ष्य को पा लिया। उनका सेलेक्शन IAS के लिए हो गया।

अगर आपको हिमांशु गुप्ता कहानी अच्छी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

Medha Pragati
Medha Pragati
मेधा बिहार की रहने वाली हैं। वो अपनी लेखनी के दम पर समाज में सकारात्मकता का माहौल बनाना चाहती हैं। उनके द्वारा लिखे गए पोस्ट हमारे अंदर नई ऊर्जा का संचार करती है।

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