बिहार राज्य के सीतामढ़ी जिले और उसके आस-पास के इलाकों में अपराध इस कदर हावी है कि आप सोच भी नही सकते। लगभग हर दिन कोई न कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना होती ही रहती है। आज हम आपको सीतामढ़ी जिले में हाल के दिनों में हो रही कुछ ऐसी घटनाओं के बारे में बताएंगे जिसे जानकर आप चिंतित हो सकते हैं। इन घटनाओं से सीख लेते हुए आपको सतर्क रहने की जरूरत है। तो आइये जानते है इस घटना के बारे में…
हाल के दिनों में बढ़ी मानव तस्करी की घटनाएं
दरअसल, सीतामढ़ी जिलों के इलाकों में आजकल लोगों के गुमशुदा होने की घटना रोजाना सुनने को मिल रही है। हाल ही में सीतामढ़ी जिले के मानिक चौक गांव के निवासी रामचन्द्र पंडित के पुत्र सूरज कुमार, जिसकी उम्र 17 साल है, उसके गुमशुदा होने की खबर पूरे इलाके में फैल गई थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार वह कॉलेज के कुछ कार्य के लिए घर से सीतामढ़ी आया था। उसके बाद से वह घर नहीं पहुंचा। घरवालों ने प्रशासन में गुमशुदगी रिपोर्ट भी दर्ज कराई। सोशल मीडिया का सहारा लेकर लोगों ने उसे ढूंढने की खूब कोशिश की। अब जाकर सूरज एक सप्ताह बाद अपने घर सही सलामत लौटा है।
सूरज ने बताई आपबीती
सूरज के घर लौटने के बाद उसने जो अपने साथ हुई घटना का जिक्र किया है वह बड़ा ही भयभीत करने वाला है। सूरज ने बताया है कि जब वह सीतामढ़ी के आस पास था, तब उसे गर्दन में कुछ चुभन सी महसूस हुई। उसके बाद उसे कुछ भी याद नहीं है। दरअसल हमने अपनी तहकीकात में पाया कि उसे कुछ लोग बेहोशी की सुई देकर, बिहार के बाहर ले जाने की कोशिश में थे। तत्काल उसे मुज़फ़्फ़रपुर के एक घर मे अन्य लड़कों के साथ रखा गया था। पर सूरज और उसके साथ अपहरण किए गए कुछ लोगों ने किसी तरह भाग के अपनी जान बचाई है।
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1 महीने में यह दूसरी घटना
ऐसी ही घटना जिले के रुन्नी-सैदपुर प्रखंड के कृष्णा साह के पुत्र अभिषेक कुमार के साथ हुई थी। अभिषेक ने भी इसी घटना का जिक्र किया है। अभिषेक रुन्नी-सैदपुर से अपने घर मननपुर जा रहा था उसी क्रम में बिल्कुल इसी तरीके से उसे अगवा किया गया था। गनीमत रही कि जब उसे ट्रक में भरकर बाकी लड़कों के साथ बिहार से बाहर ले जाया जा रहा था तभी, ट्रक वालों ने चकिया के आस पास ट्रक रोका। अभिषेक ने हिम्मत दिखाते हुए ट्रक से छलांग लगा दी और भागकर घर आ गया। बाकी लड़कों का क्या हुआ, यह एक रहस्य ही है।
मानव तस्करी का मामला
सूरज एवं अभिषेक के बताई गई बातों से यह साफ होता है कि सीतामढ़ी और उसके आस-पास के इलाकों में मानव तस्करी का गिरोह काम कर रहा है। यह गिरोह इस कदर हावी है कि हमेशा लोगों के गुमशुदा होने की खबर मिलती आ रही है।
प्रशासन का सुस्त रवैया
ऐसी कई घटनाएं है जो प्रकाश में नही आई है पर रोजाना हो रही है। इन घटनाओं को लेकर प्रशासन का रवैया अत्यंत ही सुस्त है। जिला वासियों में लगातार बढ़ रहे डर के माहौल को खत्म करने के लिए सरकार को कोई न कोई ठोस कदम उठाने ही पड़ेंगे। अगर सरकार और स्थानीय प्रशासन इस घटना को गंभीरता पूर्वक नही लेता है तो अपराधियों के मनोबल में लगातार वृद्धि होती चली जाएगी।
इस पोस्ट के माध्यम से हम सीतामढ़ी पुलिस एवं प्रशासन के लोगों से अपील करने चाहते हैं कि इन घटनाओं को गंभीरतापूर्वक लेते हुए जल्द से जल्द कार्रवाई करें। साथ ही हम सभी जिला वासियों को सतर्क और चौकन्ने रहने की भी अपील करते हैं। खासकर अपने बच्चों का ज़रूर ध्यान रखें, क्योंकि हो सकता है कि आपका बच्चा सूरज और अभिषेक जितना भाग्यशाली न हो, और कभी लौट के ही न आये।
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