भाई-बहन का रिश्ता तो पूरी दुनिया में सबसे पवित्र माना जाता है, लेकिन इस रिश्ते की जैसी गरिमा और भावनात्मक-सामाजिक सौंदर्य अपने भारत देश में दिखती है, वो दुर्लभ है। ऐसा नहीं है कि दुनिया के दूसरे देशों में भाइयों और बहनों के बीच में एक-दूसरे के लिए आत्मीय भावनाएं नहीं होतीं। लेकिन भारत में जिस तरह से इसे ताउम्र के लिए सांस्कृतिक परंपराओं की डोर से बांध दिया गया है, वैसा और कहीं नहीं है। आज हम आपको एक ऐसे ही भाई-बहन के रिश्ते के बारे में बताएंगे जहां एक भाई ने अपनी नौकरी छोड़ बहन को कराई UPSC की तैयारी, और फिर घर मे दो-दो IAS बन गए।
आइए जानते है अर्तिका शुक्ला के बारे में
काशी की रहने वाली अर्तिका पढ़ाई में हमेशा से अव्वल रहीं हैं। चाहे स्कूल हो या कॉलेज उनका नाम टॉपर्स लिस्ट में ही रहता था। अर्तिका वाराणसी की रहने वाली हैं जो अपने करियर के बाद के दिनों में शिक्षा के लिए दिल्ली शिफ्ट हो गयीं। उनके पिता बृजेश शुक्ला एक डॉक्टर हैं, मां लीना शुक्ला जो होममेकर हैं और दो बड़े भाई गौरव शुक्ला और उत्कर्ष शुक्ला हैं।

दोनों भाई ऑफिसर है।
अर्तिका के दोनों भाइयों ने भी यूपीएससी परीक्षा पास की है। सबसे बड़े भाई गौरव आईएएस ऑफिसर हैं। जिन्होंने साल 2012 में यूपीएससी परीक्षा पास की। दूसरे भाई उत्कर्ष भी यूपीएससी पास करके आईआरटीएस में ऑफिसर हैं।

प्रारंभ से ही अव्वल रही अर्तिका।
अर्तिका की स्कूलिंग सेंट जॉन स्कूल से हुई जहाँ वह हमेशा नंबर वन रहीं। इसके बाद उन्होंने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया। यही नहीं अत्यधिक कठिन माने जाने वाले एमडी में भी उनका सेलेक्शन हो गया और वे पीजीआईएमईआर से एमडी कर रही थीं। जब उन्हें आईएएस परीक्षा देने का सुझाव उनके बड़े भाई गौरव ने दिया।

सफल हुई अर्तिका।
अर्तिका ने एमडी बीच में ही रोककर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी, जिसके लिए उन्होंने किसी कोचिंग की मदद तो नहीं ली पर उनके भाइयों ने उनकी बहुत मदद की। अर्तिका सीधे तौर पर देश की जनता के लिए कुछ करना चाहती थीं, इसलिए इस पेशे में आयीं। अपने पहले ही अटेम्पट में अर्तिका एआईआर रैंक 04 के साथ साल 2015 में चयनित हो गयीं।
अर्तिका को देखकर हमें यही सीख लेनी चाहिए की हमें असफलताओं से निराश नहीं होना चाहिए। आखिरकार कठिन मेहनत करने वालों को सफलता जरूर मिलती है।