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Sunday, April 2, 2023

बचपन में चराती थी भैंस, आज हैं IAS अफसर, जानिए इस IAS अफसर की सफलता की कहानी

आजकल की भागदौड़ और कम्पटीशन से भरी जिंदगी में हम सभी अपने करियर की सबसे ऊंची चोटी को हासिल करना चाहते हैं। कई बार कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी हमे कामयाबी हासिल नहीं होती है। करियर हो या जीवन दोनों में ही आगे बढ़ने के लिए आत्मविश्वास बहुत जरूरी है। लेकिन अगर किसी व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी हो जाए, तो उसे बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने आत्मविश्वास को कभी कम नही होने दिया। ज़िंदगी में तमाम परेशानियों के बावजूद भी अफसर बनकर मिसाल पेश किया।

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आइये जानते है सी.वनमती के बारें में

केरल राज्य के इरोड जनपद की रहने वाली सी.वनमती का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। जिसकी आर्थिक स्थिति अत्यंत ख़राब थी। इनका परिवार पशुपालन का कार्य करता था। परिवार के इस कार्य में सी.वनमती भी मदद करती थी। इस कार्य में वह पशुओं को चारा खिलाने के साथ ही साथ भैंस को चराने भी जाती थीं। परन्तु घर के इन सब कार्यों के अतिरिक्त वह अपनी पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान रखती थीं।

घर से था शादी का दबाव

12वीं के बाद वनमती पर शादी का दबाव पड़ने लगा था। उनके रिश्‍तेदार उनकी शादी करने की बात कहते थे। इसी दौरान उन्‍होंने गंगा यमुना सरस्वती नाम का सीरियल देखा। जिसमें नायिका IAS ऑफिसर होती है। बस उसके बाद से ही वनमती ने यह तय कर लिया था, कि उनको भी IAS अफसर बनना है। उन्होंने अपने सपने को पूरा करने का लक्ष्य बनाना शुरू कर दिया।

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इंटरव्यू के दो दिन पहले पिता को करना पड़ा एडमिट

सी.वनमती.वन के इंटरव्यू के निर्धारित तिथि से ठीक दो दिन पहले अचानक उनके पिता जी का स्वास्थ्य ख़राब हो गया। जिसके चलते उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा।हॉस्पिटल में पिता की देखभाल का पूरा जिम्मा वनमती के ऊपर होने के कारण उन्होंने अपने पिता की देखभाल करते हुए आईएएस का इंटरव्यू दिया। और सफलता की मंजिल हासिल कर एक मिशाल बना दिया।

दूसरी बार में मिली सफलता

पढ़ाई में मेहनती सी.वनमती को पहली बार में हालांकि सफलता नहीं मिली। पर इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं माना। और साल 2015 में आखिरकार उनका नाम UPSC के परिणाम सूची में शामिल हो ही गया। तमाम परेशानियों के बावजूद उन्होंने अपने सपनों को पूरा किया। आज वनमती उन महिलाओं के लिए प्रेरणा के स्वरुप है जो मुश्किलों से घबरा जाती है।

Medha Pragati
Medha Pragati
मेधा बिहार की रहने वाली हैं। वो अपनी लेखनी के दम पर समाज में सकारात्मकता का माहौल बनाना चाहती हैं। उनके द्वारा लिखे गए पोस्ट हमारे अंदर नई ऊर्जा का संचार करती है।

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