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Friday, September 29, 2023

अपने पैसे खर्च कर इस IAS अधिकारी ने आंगनबाड़ी को डिज्नीलैंड जैसा बना दिया: देखें तस्वीरें

बच्चों के लिए पहली पाठशाला तो घर के बाद आंगनबाड़ी ही होती है। लेकिन आंगनबाड़ी कि स्थिति बेहतर ना होने के कारण लोग अपने बच्चों को स्कूल या हॉस्टल में रख देते हैं। सरकार द्वारा तो सुविधाएं दिए जाने के बाद भी अधिकारियों का ध्यान आंगनबाड़ी पर कम ही जाता है। क्योंकि लोग अक्सर बड़े पदों पर चले जाने के कारण ऐसे छोटे कामों पर ध्यान नहीं देते हैं।

हम बात कर रहे हैं वर्ष 2015 में यूपीएससी परीक्षा में भारत में 55 वां स्थान प्राप्त करने वाली गरिमा सिंह (Garima Singh) की। वह उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की रहने वाली हैं। जिन्होंने अपने कर्तव्य का पालन कर आंगनवाड़ी की तस्वीर को ही बदल डाली।

गरिमा वर्ष 2012 में UPSC क्लियर करके IPS अधिकारी बनीं। IPS की नौकरी के साथ में ही उन्होंने IAS की तैयारी की। परिणामस्वरूप वर्ष 2015 की UPSC की परीक्षा में 55 वां रैंक हासिल कर IAS बनी। गरिमा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफन कॉलेज से बीए और एमए की पढ़ाई किया है।

वर्ष 2016 में गरिमा सिंह को झारखंड के हजारीबाग में IAS के पद पर पोस्टिंग मिली। साथ ही उनको बच्चों की शिक्षा पर कार्य करने का मौका भी मिला। वहां के आंगनबाड़ी की जर्जर स्थिति देखकर IAS गरिमा ने उसे बदलने का निर्णय किया। उन्होंने खूब मेहनत किया और आंगनबाड़ी केंद्रों में बदलाव लाने में समर्थ हुई।

गरिमा ने यह सोचकर आंगनबाड़ी को गोद लिया कि बच्चों के प्रथम पाठशाला आंगनबाड़ी, बच्चों की सुनहरी यादों को भविष्य में बेहतर बना सके। उन्होंने अपने निजी 50 हजार रुपये खर्च करके आंगनबाड़ी के दीवारों पर अंग्रेजी और हिंदी के कार्टून कैरेक्टर्स की पेंटिंग बनवाया। इसके अलावा आंगनबाड़ी के अंदर कारपेट, कुर्सी, टेबल और स्पोर्ट्स के सामान भी लगवाए। जिससे शिक्षा के प्रति बच्चों की जिज्ञासा बढे। जिसके लिए उन्होंने खिलौना जैसे सामान का भी व्यवस्था किया। जिससे बच्चे काफी खुश है।

IAS गरिमा का मानना है कि उनकी यह कोशिश समाज सेवकों, समाज के प्रतिनिधियों, व्यापारियों और दार्शनिकों को आंगनवाड़ी को गोद लेने के लिए प्रेरित करेगा।

देखें ये शानदार तस्वीरें

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