कभी भी अपनी असफलताओं से हार नही माननी चाहिए। UPSC की तैयारी के लिए विद्यार्थी सालों मेहनत करते है, मगर कई को सफलता हासिल नही होती। इससे हार नही माननी चाहिए, बल्कि अपनी कमजोरियों को दूर कर पुनः सफलता के लिए प्रयास करना चाहिए। आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताएंगे जिन्होंने असफलता को चुनौती समझा और अपने ज़िंदगी में सफलता प्राप्त किए।
आईये जानते है गोपाल कृष्ण के बारे में
गोपाल कृष्ण बैंगलोर के रहने वाले हैं। उन्होंने बैंगलोर से ही अपनी डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की। और दो अलग-अलग क्षेत्रों में तीन साल काम किया। उनका मन अचानक UPSC की तैयारी करने का हुआ। पहले प्रयास में गोपाल प्री पासकर मेन्स तक पहुंचे पर यहां वह मेन्स में असफल रहे। दूसरे प्रयास में प्री, मेन्स, इंटरव्यू सब क्लियर हुआ लेकिन फाइनल लिस्ट में नाम नहीं आया। तीसरी बार में यानी साल 2016 में उन्हें इंडियन ऑडिट और एकाउंट्स सर्विसेस सेवा एलॉट हुआ क्योंकि उनकी रैंक 786 थी। यह वही साल था जिसमे उन्होंने सभी परीक्षाएं पास कर ली थी। गोपाल ने अभी भी अपने प्रयास बंद नहीं किए साल 2017 की परीक्षा में 265 रैंक के साथ सफल हुए। इस प्रकार गोपाल को चार साल के संघर्ष के बाद मंजिल मिली। साल 2018 में उन्हें आईएएस पद मिला।

अपनी असफलताओं से कभी हार नही मानी
गोपाल कृष्ण अपने ज़िंदगी में कभी भी किसी असफलताओं से हार नही मानी। वह तीन बार असफल हुए पर मेहनत करनी नही छोड़ी उनका सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपना सपना पूरा किया। वह अपने चौथे प्रयास में IAS ऑफिसर बने।
दूसरे छात्रों के लिए उनकी सलाह।
गोपाल कृष्ण के सफलता का मंत्र यह है, कि जब तक परीक्षा पूरी तरह पास न हो जाए। तबतक अपनी सफलता का शोर न मचाये। क्योंकि अगर अगले चरण में नही निकल पाये तो बहुत शर्मिंदगी होती है। वह स्मार्ट स्टडी करने को कहते है।

वर्किग प्रोफेशनल विद्यार्थियों को दिए टिप्स
गोपाल खासतौर पर वर्किंग प्रोफेशनल्स विद्यार्थियों को टिप्स देते है कि आपको स्मार्ट स्टडी करनी चाहिए। क्योंकि आपके पास दूसरों की तुलना में समय कम होता है। वह इंटरनेट का इस्तेमाल करने का भी सुझाव देते है। उनका कहना है कि कम समय में ज्यादा चीज इंटरनेट से खोजी जा सकती है। अपने लक्ष्य को हमेशा याद रखें। पूरे आत्मविश्वास एवं दृढसंकल्पित होकर किसी भी लक्ष्य को पूरा किया जा सकता है। आज गोपाल कृष्ण UPSC के छात्रों के लिए प्रेरणा स्वरूप है।