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Wednesday, March 22, 2023

तीन बार फेल होने के बाद जतिन इस तरह बने IAS…

इंजीनियरिंग के बाद UPSC के प्री में तीन बार फेल हुए लेकिन हार नही माने, अंततः IAS बन गए

सफलता उसी को प्राप्त होती है जिसने असफलता को झेला है तथा उससे निराश होकर पीछे नहीं हटा है। यूपीएससी की परीक्षा से हमें यह बात प्रमाणित हो जाती है।

ऐसी ही एक कहानी राजस्थान के चिराग जैन की है जो पहले तो इंजीनियर थे लेकिन अपनी मेहनत और लगन के बल पर अभी आईपीएस ऑफिसर है।

चिराग जैन राजस्थान के रहने वाले हैं। इन्होंने यूपीएससी की परीक्षा अपनी चौथी प्रयास में पास की। यह परीक्षा इन्होंने वर्ष 2019 में 160वी रैंक से पास करते हुए आईपीएस जैसी प्रतिष्ठित पद को प्राप्त किया।

एक ही किताब को पढ़े बार-बार।

चिराग बताते हैं कि आप पहले सिलेबस देख ले, फिर स्टैंडर्ड बुक को खरीदें। ज्यादा किताबें नहीं खरीदें ।कुछ किताब खरीदें तथा उसी को बार-बार रिवीजन करें।

मॉक टेस्ट जरूर सॉल्व करें।

चिराग बताते हैं कि मॉक टेस्ट निश्चित रूप से देना चाहिए। टेस्ट को देने से आपको अपने स्थिति का पता चलता है। चिराग ने शुरुआती दौर में 60 मॉक टेस्ट दिया था। बाद में एग्जाम आते-आते उन्होंने लगभग 15 मॉक टेस्ट दिया था।

ओएमआर सीट को भी फील करते हुए आगे बढ़े।

जब हम क्वेश्चन को सॉल्व करते हैं तो सोचते हैं कि ओएमआर सीट को बाद में भर लेंगे। लेकिन बाद में समय की कमी के कारण उसे भरने में गलतियां हो जाती है इसीलिए सॉल्व के साथ-साथ उसे फील करते हुए आगे बढ़ना चाहिए।

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