शिक्षा आपके जीवन को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। शिक्षित होने के बाद आप दूसरे के जीवन को भी बदल सकते हैं। आइये जानते हैं एक ऐसी शिक्षिका के बारे में जो हर रोज़ कई किलोमीटर पैदल चलकर बच्चों को पढ़ाने जाती थी। और घर आने के बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी भी करती थी। अपने मेहनत के दम पर वह आज एक IAS ऑफिसर हैं।
उत्तरप्रदेश के प्रयागराज के जसरा गांव की रहने वाली है सीरत फातिमा। इन्होंने अपने मेहनत के दम पर IAS बनकर समाज में एक उदाहरण पेश किया है। इनके पिता लेखपाल हैं। इनका सपना था की यह बड़ी होकर एक अधिकारी बनें, लेकिन इन्हें अपने सपने को पूरा करने में काफी समय लग गया क्योंकि इनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारियां थी।

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फातिमा ने 12वीं पूरी करने के बाद साइंस में ग्रेजुएट किया और ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद एक शिक्षक बनने के लिए B.Ed की डिग्री हासिल की। B.Ed करते ही इनकी नौकरी एक प्राइमरी स्कूल में लग गई। इनके ऊपर इनके छोटे भाई- बहन के पढ़ाई लिखाई की जिम्मेदारियां भी थी। इसलिए इन्होंने उस समय इस नौकरी को ज्वाइन कर लिया। लेकिन साथ ही साथ अपने सपनो पे काम करती रही।
जब कभी फातिमा स्कूल में अपने कलीग्स को यह कहती कि वह यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करती हैं तो बाकी टीचर्स यही कहते थे कि इतने बड़े सपने भी मत देखो जो पूरा ना हो पाए। लेकिन, फातिमा ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया और लगातार अपनी नौकरी के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखीं।

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सीरत फातिमा B.Ed करने के साथ ही 2 बार यूपीएससी परीक्षा में शामिल हुई थी, लेकिन तैयारी पूरी नही होने के कारण उन्हें सफलता नहीं मिली। काफी तैयारी करने के बाद भी फातिमा को अपने तीसरे प्रयास में भी सफलता नहीं मिली। लेकिन फिर भी वह अपने पथ पर अटल रही। उनकी मेहनत का फल उन्हें मिला और वर्ष 2017 में सीरत फातिमा अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में पूरे देश भर में 810वीं रैंक हासिल की।
अब सीरत फातिमा की शादी हो चुकी है। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में सफलता पाने के बाद भी हॉयर रैंक पाने के लिए लगातार मेहनत कर रही हैं। इस तरह सीरत फातिमा पूरे समाज के लिए एक नया मिसाल बन गई है।