जीवन में किसी भी सपने या लक्ष्य को पूरा करने के लिए परिश्रम करना बहुत ही ज्यादा जरूरी है।
परिश्रम के बिना इस दुनिया में कुछ नहीं मिल सकता है। परिश्रम कर हम बड़े से बड़े संकट का सामना कर सकते हैं। इसीलिए कहा जाता है कि परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। आज हम आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने परिश्रम के दम पर साइकिल का पंक्चर बनाते हुए आईएएस अधिकारी बन गए। आइये जानते है इनके बारे में।
वरुण बरनवाल का परिचय
वरुण बरनवाल महाराष्ट्र के एक छोटे से शहर बोइसार के निवासी है और एक बहुत ही निर्धन परिवार से आते है। उनके पिता की एक साइकिल रिपेयरिंग की दुकान थी जिससे पूरे घर का खर्चा चलता था। घर में पांच भाई-बहन थे और वरुण उनमे सबसे बड़े थे। माता-पिता ने जैसे-तैसे सभी भाई-बहनों की शिक्षा जारी रखी। सबकुछ सही था कि अचानक उनके पिता की मृ’त्यु हो गई। जिसके बाद घर की सारी जिम्मेदारी वरुण के कंधे पर आ गई।

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वरुण ने हौसला नही खोया
पिता के मृ’त्यु के बाद भी वरुण ने हौसला नही खोया। उन्होंने अपने पिता के दुकान पर काम करते हुए पढ़ाई जारी रखी। पिता के मृ’त्यु के बाद ही वरुण के दसवीं का रिजल्ट आया। वरुण अपने शहर में दूसरे स्थान पर थे। इस सफलता से वरुण को आगे की पढ़ाई जारी रखने का हौसला मिला। वरुण के ग्यारहवीं के नामांकन में उनके पिता जी के एक परिचित ने उनकी मदद की।
माँ ने संभाला दुकान की जिम्मेदारी
वरुण के पढ़ाई में कोई बाधा न आए इसके लिए उनकी माँ ने दुकान की जिम्मेदारी संभाल ली। वरुण भी दिन में दुकान पर काम करते थे और रात को पढ़ाई करते थे। इंटर साइंस से पास करने के बाद वरुण बरनवाल ने कुछ लोगों की मदद से MIT कॉलेज पुणे मे इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार ब्रांच मे इंजीनियरिंग मे नामांकन लिया। इसके बाद पहले टर्म की परीक्षा में उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त करके छात्रवृति हासिल कर ली।

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यूपीएससी में जाने का मन बनाया
वरुण को अपने कॉलेज के दौरान ही कई जॉब ऑफर हुए पर वह निजी क्षेत्र में नही जाना चाहते थे। उनका सपना एक आईएएस अफसर बनना था। इसके लिए उन्होंने मेहनत करनी शुरू की। वरुण समाज से भी जुड़े हुए थे। उन्हें समाज सेवा करना बचपन से ही पसंद था। सामजिक कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने वर्ष 2011 में अन्ना जी के आन्दोलन में भी हिस्सा लिया था। अपने मेहनत के बदौलत वर्ष 2013 की यूपीएससी परीक्षा में पूरे देश में वरुण ने 32वी रैंक हासिल किया।
लोगों के लिए प्रेरणा है वरुण
आज वरुण बरनवाल यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए प्रेरणा हैं। अपने परिवार के लोगों का साथ और अपने मेहनत के बदौलत वरुण आज सफलता के शिखर पर पहुँच गए है। हमें भी वरुण से सिख लेते हुए मेहनत से कतराना नही चाहिए। समय कैसा भी हो बस हिम्मत बनाए रखना चाहिए। एक बुलंद हौसले से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।