भारतीय रेलवे हमारे देश का सबसे बड़ा सरकारी संगठन हैं। साथ ही आकार और कार्यक्षेत्र की दृष्टि से एशिया का सबसे बड़ा एवं संसार का दूसरा सबसे विशाल रेलवे नेटवर्क हैं।
भारतीय रेलवे हमेशा से अपने यात्रियों के सुख सुविधा का ख्याल रखते आया है पर भारतीय रेलवे एक समस्या का सामना हमेशा से करते आया है जो है ‘गंदगी’। लोग रेलवे के अंदर और स्टेशन परिसर में यत्र-तत्र थूक देते है। अब इस समस्या का इलाज रेलवे ने निकाल लिया है।
पीकदान मशीन द्वारा समस्या का हल
भारतीय रेलवे द्वारा इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए योजना बना ली गई है। अब भारतीय रेलवे स्पिटून (पीकदान) की वेंडिंग मशीनें या कियोस्क लगाने जा रहा है जहां से आप थूकने के लिए स्पिटून पाउच खरीद सकते हैं जिसकी कीमत 5 से 10 रुपये के बीच होगी। फिलहाल यात्रियों के इस्तेमाल के लिए देश के 42 स्टेशनों पर ऐसे स्टॉल शुरू करने की योजना है।

गंदगी से मिलेगी निजात
स्वच्छता के लिए हमेशा से तत्पर भारतीय रेलवे को गंदगी से अब इस मशीन के द्वारा काफी हद तक निजात मिलेगी। एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रेलवे हर साल गुटखा थूकने के बाद हुई गंदगी को साफ करने पर करीब 1200 करोड़ रुपये और लाखों लीटर पानी खर्च करता है। जिससे अब छूटकारा मिल सकेगा।

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लोगों के स्वास्थ्य के लिए हितकर
देश ने पिछले लगभग दो सालों से कोरोना को मार झेली है। ऐसे में साफ-सफाई बहुत ही जरूरी है।
इस पीकदान को कोई भी शख्स आसानी से अपनी जेब में रख सकता है। इस पाउच की मदद से यात्री बिना किसी दाग के कहीं भी कभी भी थूक सकता है। इन बायोडिग्रेडेबल पाउच को 15-20 बार यूज किया जा सकता है। ये थूक को ठोस पदार्थ में बदल देता है। यह मिट्टी में भी आसानी से घुल भी जाता है।
आशा है रेलवे द्वारा बनाई गई इस योजना को लोगों का सहयोग मिलेगा।