वेद के एक मंत्र में कहा गया है “कृतं में दक्षिणे हस्ते, जयो में सव्य अहिते”अर्थात अगर आपके दाएँ हाथ में कर्मठता हो तो बाएँ हाथ में जरूर विजय होगी।
जो व्यक्ति परिश्रम और साहस से कार्य करते हैं, उन्हें सदा सफलता प्राप्त होती है। आज हम आपको एक ऐसे ही इंसान के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने जीवन अनेक असफलताएं देखी पर आगे चलकर अपने मेहनत के बदौलत जीवन में सफल हुए। आइये जानते हैं उनके बारे में।
आकाश कुलहरि का परिचय – IPS Akash kulhari success story
आकाश कुलहरि (IPS Akash kulhari) राजस्थान के बीकानेर जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता वैटनरी चिकित्सक थे। उनकी प्रथमिक शिक्षा बीकानेर शहर के सीबीएसई बोर्ड के बीकानेर स्कूल से शुरू हुई।
आईपीएस आकाश कुलहरि की कहानी काफी प्रेरणा से भरी हुई है। आकाश को कम नंबर आने के बाद स्कूल से निकाल दिया गया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत से यूपीएससी परीक्षा में सफल हुए।

स्कूल से निकाला गया
आकाश कुलहरि (Akash kulhari) को साल 1996 में 57 प्रतिशत नंबरों के साथ हाईस्कूल पास किया। पहले पड़ाव में ही कमजोर साबित होने और प्रतिशत कम होने के कारण उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया। किसी तरह उनका दाखिला केंद्रीय विद्यालय बीकानेर में हुआ। यहां उन्होंने खूब मेहनत की। उन्होंने बीकॉम की पढ़ाई करने के बाद जेएनयू दिल्ली से स्कूल ऑफ सोशल साइंस विषय से एमकॉम किया।

युपीएसीसी (UPSC) को अपना लक्ष्य बनाया
आकाश कुलहरि (Akash kulhari) ने लक्ष्य बनाकर यूपीएससी (UPSC) की तैयारी शुरू कर दी। साल 2005 में उन्होंने एम.फिल भी किया। आकाश ने 2006 में पहले ही प्रयास में युपीएसीसी की परीक्षा पास कर ली। शुरुआत में आकाश अपने पढ़ाई को उतना तव्वजों नही देते थे फिर बाद में स्नातक के बाद उन्होंने अपना मन पढ़ाई में लगाया और सफल हुए।

आकाश से सीखने की जरूरत
आज आकाश कुलहरि से सभी को सीखने की जरूरत है। अक्सर लोग अपने लगातार असफलता के कारण पढ़ाई को बीच में ही छोड़ देते हैं पर आकाश कुलहरि ने अपने आप को बदल कर लक्ष्य को पूरा किया। उन्होंने पहले प्रयास में ही युपीएसीसी की परीक्षा पास करके यह दिखा दिया कि अगर कड़ी मेहनत की जाए तो कोई मंजिल दूर नही है।