कई बार हमारे देश में ईमानदार अधिकारियों को उनके काम करने के तरीकों के कारण विभागीय एक्शन का सामना करना पड़ जाता है। आइए जानते हैं एक ऐसे IPS ऑफिसर के बारे में जिन्हे अपने काम की वजह से 6 महीने में ही पोस्टिंग का आर्डर मिल जाता है।
रूपा दिवाकर मौदगिल साल 2000 बैच की कर्नाटक कैडर की IPS ऑफिसर हैं। रूपा को UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया में 43वीं रैंक हासिल हुई थी जिसके वजह से उन्हें IAS का पद मिल रहा था। लेकिन वह IPS बनना चाहती थीं इसलिए वह IAS का पद छोड़ कर IPS ऑफिसर बनीं। उनकी बहन रोहिणी दिवाकर भी साल 2008 बैच की IRS ऑफिसर है। रूपा की शादी IAS ऑफिसर मुनीश मुदील से साल 2003 में हुई थी।

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IPS रूपा जब भी किसी बड़े व्यक्ति के खिलाफ आवाज़ उठाती हैं तो उनको ट्रांसफर ऑर्डर दे दिया जाता है। उनके लिए अब ये कोई नई बात नहीं है। जैसे AIDMK की शशिकला, जो जेल में बंद है, उनके खिलाफ एक्शन लेने की बात हो या साल 2003-2004 के दौरान एमपी की तत्कालीन सीएम उमा भारती को गिरफ्तार करने की बात हो। रूपा के सही काम के खिलाफ बहुत बार आवाज उठाए गए हैं।

जब बेंगलुरु में रूपा सेफ सिटी प्रोजेक्ट का काम देख रही थीं तब उन्होंने टेंडर प्रोसेस में गड़बड़ी करने का आरोप वरिष्ठ IPS ऑफिसर हेमंत निंबालकर पर लगाया। नतीजा यह हुआ कि उनकी पोस्टिंग कर दी गई। रूपा ने कुछ दिनों पहले एक बड़े भ्रष्टाचारी ऑफिसर का खुलासा किया है जिसके वजह से उनका राज्य के गृह विभाग से हैंडलूप एम्पोरियल में ट्रांसफर कर दिया गया है।
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रूपा अपने 20 साल के सर्विस में 40 बार ट्रांसफर हो चुकी हैं। रूपा एक बेहतरीन IPS ऑफिसर के साथ साथ ट्रेंड भरतनाट्यम डांसर भी हैं। उन्होंने भारतीय संगीत की भी ट्रेनिंग ली है। रूपा ने बयालाताड़ा भीमअन्ना नामक कन्नड़ फिल्म में प्लेबैक सिंगर के रूप में एक गाना भी गाया है। रूपा एक बेहतरीन शार्प शूटर भी हैं। जिसके वजह से उन्हे बहुत से पुरस्कार भी मिल चुके हैं।

IPS रूपा ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया कि जितने सालों से वो नौकरी कर रही हैं, उससे दुगुनी बार उनका ट्रांसफर हो चुका है। भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना विवाद और जोखिम का काम है। इसीलिए रूपा को हर बार आवाज उठाने पर ट्रांसफर कर दिया जाता है। उन्होंने इतनी बार ट्रांसफर होने के बावजूद अपने काम करने के तरीके को नहीं बदला। उनके तबादले को लेकर राज्य के अलग-अलग वर्ग की अलग-अलग प्रक्रिया थी। सोशल मीडिया पर भी बहुत से लोग उनके ट्रांसफर के फैसले के खिलाफ थे।