किसी समारोह या भीड़-भाड़ वाले माहौल में लड़ाई-झगड़ा होना आम बात है। आज हम आपको ऐसी ही एक बिहार में (Bihar) हुए घटना के बारे में बताने जा रहें है।
बिहार के नालंदा जिले के नूरसराय के पहाड़पुर गांव में गणेश पूजा के अवसर पर 13 सितंबर 2021 के सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान नाच-गाना का प्रोग्राम चल रहा था, जिससे क’रोना गाइडलाइन्स का उलंघन हो रहा था। पुलिस को सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष वीरेंद्र चौधरी (Virendra Choudhary) वहाँ आ पहुँचे और कार्यक्रम बंद करने की अपील की परंतु ग्रामीणों ने नाराज़गी जताते हुए उनपर हमला कर दिया जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
इस मामले में 200 अज्ञात और 46 नामज़द व्यक्तियों के अलावा एक 17 वर्षीय नाबालिक लड़के पर भी केश दर्ज किया गया था। लेकिन जज मानवेन्द्र मिश्र ने उस नाबालिक लड़के को यह कह कर रिहा कर दिया कि इस लड़के का नाम किसी भी क्रिमिनल रिकॉर्ड में नहीं है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड जेजेपी (JJP) ने आरोपी नाबालिक लड़के को निर्दोष करार दिया।
इस लड़के ने एनडीए (NDA) की परीक्षा उत्तीर्ण करने के अलावा और भी कितने मेडल जीते हैं। इस लड़के के भविष्य को ध्यान में रखते हुए जज मानवेंद्र ने एसपी (ACP) को निर्देश दिया कि इस केस का जिक्र भविष्य में बच्चे के चरित्र प्रमाण पत्र पर नहीं किया जाए।
अपने आदेश का बखान करते हुए जज ने कहा कि इस नाबालिक लड़के ने एनडीए की परीक्षा उत्तीर्ण करने के साथ-साथ एनसीसी (NCC) सीडीटी (CDT) गन फायरिंग में भी पहला स्थान हासिल किया है। इतना ही नहीं बल्कि साइंस ओलंपियाड (science Olympiad) में भी जिले में पहला स्थान पाया है। इस तरह के आरोप उस पर बेबुनियाद हैं। उस पर और किसी भी प्रकार का कोई दूसरा केस दर्ज नहीं है, ऐसे में उसके भविष्य का ख्याल रखते हुए केस को समाप्त करने का आदेश दे दिया जाता है।
इस आदेश पर जज मानवेन्द्र मिश्र टिप्पणी करते हुए कहा कि जिस समय केस दर्ज हुआ उस समय इस लड़के की उम्र मात्र 17 वर्ष थी। इस उम्र में अक्सर बच्चे का झुकाव नाच-गाना और खेल-तमाशे के तरफ होना लाजमी है लेकिन किसी भी तरह के समारोह में क’रोना गाइडलाइंस का उल्लंघन करना गलत साबित हो सकता है। जज ने इस नाबालिक लड़के को देश भक्ति और प्रतिभा को निरीक्षण करने के बाद उसके उत्तम भविष्य की कामना करते हुए मुकदमे की कार्रवाई बंद करने का आदेश दिया।
लड़के के मन में इस केस को लेकर आशंका है इसीलिए उसने कोर्ट में जज से कहा था सर इस मुकदमे की वजह से हर वक्त मन में यह डर बना रहता है कि मेरी नियुक्ति रद्द ना हो जाए। उसके साथ कभी किसी प्रकार गलती नहीं हो जाए। उसने कभी किसी प्रकार की गलती नहीं किया है, किसी भी प्रकार का नशा भी नहीं करता है। नाच-गाने वाले दिन भी वह नाच-गाने वाले रूम में नहीं था। किसी साजिश के तहत उसकी पढ़ाई में बाधा डालने के लिए उसे उसे फंसाया जा रहा है।
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लड़के द्वारा दिए गए अपनी सफाई में जज को विश्वास हुआ और जज ने लड़के के भविष्य को ध्यान में रखते हुए निर्दोष करार दिया और आने वाली ज़िन्दगी के लिए शुभकामनाएं भी दिया।