आपने फिल्मों (Film) में फर्जी थाने के बारे में खूब सुना होगा। फिल्मों में फर्जी थाना होता है जहां हर गलत गतिविधियों को अंजाम दिया जाता है। फिल्मों के तरह एक ऐसे ही फर्जी थाने के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं, जहां पिछले आठ महीने से फर्जी थाना चल रहा था और किसी को इसकी भनक तक नहीं थी। यह थाना बांका के एक गेस्ट हाउस (Guest House) में चल रहा था।
लोगों को भनक तक नही
बांका (Banka) के एक गेस्ट हाउस (Guest House) में फर्जी तरीके से चल रहे एक थाने (Fake police station) का पता चला है। प्रशासन को इसकी भनक तक नही थी। जब प्रशासन को इसका पता चला तो उन्हें यह विश्वास नही हो रहा था कि इतने दिनों से इस फर्जी थाने का संचालन किया जा रहा था और लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा था।
कॉन्स्टेबल से लेकर दारोगा तक
इस फर्जी थाने की अगर बात करें तो यहां कॉन्स्टेबल (Constable) से लेकर दारोगा (Police) तक थे। जो फर्जी तरीके से लोगों को बेवकूफ बनाकर रुपये ठगने का काम किया करते थे। लोगों को भी इस बात की भनक तक नही थी कि उन्हें बेवकूफ बनाया जा रहा है। लोग इस बात से बिल्कुल अंजान थे।

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पांच लोगों की गिरफ्तारी
इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार (Arrested) किया है। बांका थानाध्यक्ष शंभू प्रसाद यादव (Shambhu prasad yadav) के अनुसार जब वह एक छापेमारी कर लौट रहे थे तो उन्हें पुलिस के वर्दी में दो लोग दिखे जिसमें एक महिला और एक पुरुष था। जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया उसमें एक महिला दरोगा, एक पुलिस कांस्टेबल और चौकीदार भी शामिल है जो फर्जी हैं।
एसपी का क्या है कहना
कार्यालय के संचालन से लेकर सभी कर्मी की बहाली, पुलिस वर्दी, अवैध पिस्टल उपलब्ध कराने में एक भोला यादव (Bhola Yadav) नाम का व्यक्ति इनलोगों की मदद किया करता था। इस गिरोह का फर्जी चौकीदार 70 हजार देकर चौकीदार बना था। वहीं पुलिस अधीक्षक (SP) डॉ. सत्य प्रकाश (Doctor satya prakash) का कहना है कि इस मामले की पूछताछ इस गिरोह से की जा रही है। कुछ कागजात भी बरामद किए गए हैं। सभी को सजा जल्द मिलेगी।