कुछ बच्चे भी कई बार ऐसे बड़े-बड़े कार्य कर दिखाते हैं जिस पर यकीन कर पाना बहुत मुश्किल होता है। आज हम आपको पूजा बिश्नोई (Pooja Bishnoi) के बारे में बताएंगे। उन्होंने मात्र 3 वर्ष की आयु में ही लड़कों के साथ दौड़ में भाग लिया था और 6 वर्ष की उम्र में ही बहुत सारे रिकॉर्ड बना लिया। आइये जाने पूजा विश्नोई के बारे में।
मैराथन का हिस्सा बनी
पूजा बिश्नोई (Pooja Bishnoi) ने 2017 में 6 वर्ष की आयु में जोधपुर (Jodhpur) में आयोजित मैराथन में भाग लिया और मात्र 48 मिनट में ही 10 किलोमीटर की दूरी तय कर ली। 6 वर्ष की उम्र में ही पूजा का शरीर का स्ट्रक्चर एक एथलीट (athlete) की तरह हो गया है और उसके सिक्स पैक्स भी बन गए है।

मामा ने दिया मौका
पूजा बिश्नोई ने 3 वर्ष की आयु में लड़कों के साथ दौड़ में भाग लिया था जिसमें वह सफ़ल नहीं हो पायी थी। पूजा के मामाजी ने जब उन्हें दौड़ रेस का हिस्सा बने देखा तो उनके मन में यह विचार आया कि इतनी कम उम्र में जब यह लड़की लड़कों के साथ दौड़ रेस में हिस्सा ले सकती है तो आगे चलकर खेल जगत में बहुत कुछ कर सकती है। इसके बाद पूजा के मामा श्रवण ने लड़कों के साथ दौड़ में भाग लेने का पूजा को मौका दिया जिस रेस में पूजा ने अपने प्रतिद्वंदी को 20 मीटर से हराकर सफलता प्राप्त किया।

विराट कोहली फाउंडेशन ने मदद के लिए बढ़ाया हाथ
वर्ष 2019 में पूजा की ट्रेनिंग वाला वीडियो देखने के बाद श्रवण की मदद से विराट कोहली फाउंडेशन (Virat Kohli foundation) ने उनकी सहायता करने के लिए मदद का हाथ बढ़ाया। जब श्रवण ने विराट कोहली फाउंडेशन के पास जा कर पूजा का बायोडाटा दिखाया तो बायोडाटा को देखने के बाद उन्हें लगा कि यह लड़की आगे चलकर कुछ अच्छा कर सकती है। इतना ही नहीं पूजा का अर्चिवमेंट को देखते हुए उन्हें विश्वास हो गया कि यह लड़की आगे चलकर गोल्ड मेडल लाएगी।

पूजा ने जीता गोल्ड मेडल
पूजा ने 2019 में 12.50 मिनट में 3 किलोमीटर का रेस पूरा किया और अंडर 4 टीम में रिकॉर्ड बनाया और आगे चल कर पूजा ने 1500 मीटर, 3000 मीटर और 800 मीटर की रेस में गोल्ड मेडल विजेता बन कर रिकॉर्ड बना चुकी है।
ननिहाल में पली बढ़ी
पूजा का जन्म उनके ननिहाल जोधपुर (Jodhpur) के गुड्डा विश्नोइयां (gudda Bishnoiyan) गांव में हुआ था। वह अपने नानी के घर ही पली-बढ़ी है। पूजा के मामा श्रावण ऑफिशियल कोच है और वह हमेशा पूजा को मार्गदर्शन कराते हैं।

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ओलंपिक की कर रही है तैयारी
पूजा रोजाना सुबह के 3:00 बजे उठकर अपना वर्कआउट करती है और 8:00 बजे तक एथलीट की तैयारी पूरी करने के बाद अपने स्कूल की पढ़ाई भी करती है। साथ ही 2024 में होने वाले ओलंपिक की तैयारी भी बड़े जोर-शोर से कर रही है जिसमें पूजा अपने देश के लिए गोल्ड मेडल लाना चाहती है।
माता पिता करते है स्पोर्ट
पूजा के माता-पिता भी अपनी बेटी को पूरा सपोर्ट करते हैं। वह अपनी बेटी का ख्याल हमेशा हर तरह से रखते हैं और हमेशा बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
