सफल बनने के लिए हमे अपना एक लक्ष्य बनाना पड़ता है। आज हम आपको कांस्टेबल फ़िरोज आलम (Constable Firoz Aalam) के बारे में बातएगें। फ़िरोज़ दिल्ली में कॉन्स्टेबल के पद पर कार्यरत होते हुए अपने कठिन परिश्रम के बदौलत एसीपी (ACP) बन कर अपने सपनों को पूरा किया। आइये जानते हैं एसीपी फ़िरोज़ आलम की सफलता की कहानी के बारें में। (Success story of ACP Firoz Aalam)
कॉन्स्टेबल फ़िरोज़ आलम (Constable Firoz Aalam) का परिचय
फ़िरोज़ आलम उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) के हापुड़ जिले के आजमपुर दहषा गाँव के रहने वाले हैं। फ़िरोज़ दिल्ली पुलिस (Delhi police) में कॉन्स्टेबल के पद पर 10 वर्षों तक कार्य कर चुके हैं लेकिन उनका सपना एसीपी बनने का था। उन्होंने दिल्ली पुलिस की नौकरी करते हुए अपने कठिन मेहनत के बदौलत उपलब्धि हासिल कर दानिप्स (DANICS) कैडर प्राप्त किया। वह दिल्ली पुलिस में एसीपी (Assistant Commissioner of police) बन कर अपने सपनों को पूरा किया।

यह भी पढ़ें: कभी कम नम्बर के कारण निकाला गया था स्कूल से, आज IPS बनने के बाद अपराधी डर से थर थर काँपते हैं: IPS Akash…
आईएएस आईपीएस बनने का था सपना
फ़िरोज़ आलम (Firoz Aalam) ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि 1 अप्रैल से उनकी ट्रेनिंग दिल्ली के झरौद इलाके की पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज से शुरू हुआ एवं अगले वर्ष मार्च में जा कर उनकी ट्रेनिंग पूरी होगी। सभी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद इनको बतौर एसीपी का पोस्ट मिलेगा। आगे उनका कहना है कि आईएएस और आईपीएस बनना उनकी पहली पसंद थी। इसके लिए फ़िरोज़ ने दानिप्स (DANICS) सर्विसेज और आईआरएस को प्राथमिकता दी। इसके बाद इन्हें रैंक के मुताबिक दानिप्स कैंडर मिला।
फ़िरोज़ का सपना पूरा हुआ
फ़िरोज़ (Firoz) बताते हैं कि मैंने 10 वर्ष तक दिल्ली पुलिस में अपनी सेवा देते हुए दानिप्स (DANICS) सर्विसेज को भी अपनी प्राथमिकता दिया जो मेरे लिए सपने के सच होने जैसा था। दिल्ली पुलिस में काम करते हुए वहां की कार्यशैली को मैंने बेहद नजदीकी से देखा है इसीलिए वहां नयापन का अनुभव नहीं होगा। वहां के कार्यरत लोगों से दोस्ती भी बनी रहेगी लेकिन ड्यूटी के दौरान अनुशासन का पालन करना जरूरी होगा।

इंस्पेक्टर मनीष ( inspector Manish) से मिली प्रेरणा
इंस्पेक्टर मनीष कुमार यादव (inspector Manish kumar yadav) दिल्ली पुलिस में कार्यरत है, फ़िरोज़ उन्हें अपनी प्रेरणा मानते हैं। फ़िरोज़ को मनीष की कार्यशैली, नॉलेज स्तर, व्यवहार और केस को बारीकी से परखने का अंदाज काफी पसंद है इसीलिए फ़िरोज़ मनीष कुमार यादव को अपना आदर्श मानते हैं।