मानव ही नहीं पशु और पक्षी भी अपनी जननी जन्मभूमि से अगाध प्रेम करते हैं। फिर भला मानव इससे अछूता कैसे रह सकता हैं।
प्रत्येक भारतीय अपनी जन्मभूमि को माँ कहकर सम्बोधित करता हैं, उसके मन के ये भाव देशप्रेम की तीव्र अभिव्यंजना करते हैं। यह प्रेम स्वाभाविक है क्योंकि हम जिस मिट्टी में पले बढ़े हमने अपने विकास किया तथा जीवन की आवश्यक सुविधाओं को इसने प्रदान किया, अतः हमारा दिल स्वतः ही इस भूमि से प्रेम करने लगता हैं। आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताएंगे जिन्हें अपने देश प्रेम ने वापसी करवाई और आज वह आईपीएस अधिकारी बन देश की सेवा कर रही हैं।
निहारिका भट्ट का परिचय
निहारिका भट्ट (IPS Niharika Bhatt) लखनऊ की रहने वाली हैं। उनके पिता एक डॉक्टर हैं। उनके पिता का नाम एम एल भट्ट है। निहारिका ने जयपुरिया स्कूल से शिक्षा प्राप्त की है। उन्होंने फिर इलेक्ट्रॉनिक्स से इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर विदेश में जॉब शुरू कर दी थी। जॉब के दौरान ही निहारिका ने निश्चय किया कि इनको यह जॉब छोड़कर IPS बनना है और उन्होंने अपने इस सपने को पूरा किया और आईपीएस बनकर देश की सेवा कर रही हैं।

स्वदेश लौटकर तैयारी किया
निहारिका ने अपने सपने को पूरा करने के लिए स्वदेश लौटकर खूब मेहनत की। उन्होंने अपने आप कैद कर लिया था।(IPS officer Niharika Bhatt) वह बस अपने दैनिक क्रियाओं के लिए ही घर से बाहर निकलती थीं। दिल्ली में रहकर उन्होंने युपीएससी की तैयारी पूरे लगन से करना शुरू किया। उन्होंने इसके दौरान किसी भी प्रकार का कोई ट्यूशन नही लिया। वह बस अपने स्वाध्याय पर ध्यान देती थी। सेल्फ स्टडी करके ही उन्होंने यहाँ तक का सफर को पूरा किया।

खुद को अलग किया
अपने तैयारी के दौरान उन्होंने खुद को पूरी तरह अलग करना ठीक समझा। वह अपने परिवार के लोगों के अलावा किसी से भी बात करना उचित नही समझती थीं। अपने फ़ोन नंबर को उन्होंने बस अपने परिवार के लोगों के लिए ही सार्वजनिक किया था। इसका परिणाम यह हुआ कि उन्होंने मात्र एक वर्ष की तैयारी में ही यह मुकाम हासिल कर ली। वह इंटरनेट के इस्तेमाल से ही सामान्य ज्ञान के प्रश्न का हल ढूंढती थीं। अपने पढ़ाई के दौरान उन्होंने इंटरनेट का अच्छा इस्तेमाल किया।

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निहारिका को सफलता मिली
उनके मेहनत का परिणाम यह हुआ कि उन्होंने UPSC परीक्षा में 146वीं रैंक प्राप्त किया और एक आईपीएस अधिकारी बन कर अपने परिवार और अपने समाज का नाम रौशन किया। आज उनके इस सफलता से उनके परिवार के लोग काफी खुश हैं। निहारिका ने यह साबित कर दिया है कि अगर मन में अपने देश की सेवा के लिए जुनून हो तो कोई भी मंजिल दूर नही है।