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Sunday, April 2, 2023

गली-गली घूमकर पेन बेचते थे जॉनी लीवर, एक के बाद एक सुपरहिट फिल्में कर बनें ‘कॉमेडी के बादशाह’

जॉनी लीवर को कौन नही जानता होगा, जब भी कभी हिन्दी फिल्म के प्रसिद्ध हास्य अभिनेताओं की बात होती है। तो उनमें से एक नाम जोनी लिवर का भी होता है। वह हिंदी सिनेमा में अपनी कॉमिक टाइमिंग के लिए प्रसिद्ध हैं। जॉनी लीवर भारत के पहले स्टैंड कॉमेडियन हैं। उन्हें अब तक 13 बार फिल्मफेयर अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। जॉनी लिवर बॉलीवुड में अब तक साढ़े तीन सौं से अधिक फिल्मों में काम कर चुके है। जॉनी अपने जीवन में काफी संघर्ष कर चुके है। आइये जानते है जॉनी लीवर के संघर्ष की कहानी।

जॉनी लीवर का परिचय ।

जॉन लीवर का जन्म आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले मे सन 14 अगस्त 1956 में हुआ था। जॉनी लीवर हिन्दी फिल्म के एक प्रसिद्ध हास्य अभिनेता है। उनके पिता प्रकाश राव जनमूला हिंदुस्तान लीवर फैक्ट्री में काम करते थे। जॉनी लीवर का बचपन मुंबई के धारवी इलाके में बिता। वह अपने घर में तीन बहनों और दो भाईयोँ में सबसे बड़े हैं। जॉनी लीवर का जन्म एक बेहद ही गरीब परिवार में हुआ था। घर में बड़े होने के कारण घर की स्थिति को समझते हुए जॉनी भी अपने पिता के साथ हिन्दुस्तान लीवर फैक्ट्री में काम करने लगे। इसी दौरान उन्हें अपनी कॉमेडी प्रतिभा को निखारने का मौका भी मिला। वह खाली समय में अपने को-वर्करस को अपनी कॉमेडी से हँसाते थे। जिस कारण से उनका नाम जॉनी लीवर पड़ गया। जिसके बाद उन्होंने अपना यह नाम जारी रखा।

जॉनी की परिवार और प्रारंभिक शिक्षा।

जॉनी ने अपनी शुरूआती पढ़ाई आंध्र एजुकेशन सोसाइटी हाई स्कूल से की। उनके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नही होने कारण जॉनी सिर्फ सातवीं तक शिक्षा ग्रहण कर सके। उसके बाद घर के जीवन-यापन के लिए उन्होंने काम करना शुरू कर दिया। जॉनी लीवर की शादी सुजाता से हुई है। उनको एक बेटा और एक बेटी है। बेटी जैमी जोकि एक स्टैंड-अप कॉमेडियन है। बेटे का नाम जेस है।

बचपन काफी संघर्ष से भरा रहा।

जॉनी लीवर के पिता प्रकाश राव को शराब पीने के बेहद बुरी लत थी। जिसके चलते घर में पैसा नहीं बचता था। उनके घर की खराब हालत और पिता की शराब की लत से परेशान जॉनी लिवर ने एक बार तो सुसाइड करने का भी मन बनाया था। लेकिन बाद में उनका इरादा बदल गया।

पेन भी बेचना पड़ा जॉनी को।

अपने संघर्ष के दिनों में जॉनी ने सड़कों पर पेन तक बेचे। वो फेमस स्टार्स की मिमिक्री कर पेन बेचा करते थे। कुछ समय बाद जॉनी को अपने पिता की ही कंपनी हिंदुस्तान लीवर में काम मिल गया और एक दिन कंपनी में हुए फंक्शन में उन्होंने अपने बॉस और अन्य लोगों की जो मिमिक्री की उसके चलते उन्हें नया नाम मिला था जॉनी लिवर।

फिल्मों में अलग पहचान बनाई।

जॉनी को फिल्मों में लाने का श्रेय सुनील दत्त साहब को जाता है। कहते हैं कि साल 1982 में रिलीज हुई फिल्म दर्द का रिश्ता में सुनील दत्त साहब ने जॉनी लिवर को मौक़ा दिया था। जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे पलटकर नहीं देखा, जॉनी लिवर ने गोलमाल, हाउसफुल, बाज़ीगर, कोई मिल गया, फिर हेरा फेरी, बादशाह आदि फिल्मों में अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है।

आज है लगभग 300 करोड के मालिक।

अपने जीवन में काफी संघर्ष देखने वाले जॉनी लीवर के लाइफ में ऐसा मोड़ आया की उनकी पूरी जिंदगी ही बदल गई। 1982 में जॉनी ने अपने करियर की शुरुआत फिल्मों में की, इसके बाद उनकी लाइफ पूरी तरह बदल गयी। जॉनी ने अपने करियर में अब तक करीब 350 फिल्मों में काम किया है। आज वह लगभग 300 करोड़ के मालिक है।

Sunidhi Kashyap
Sunidhi Kashyap
सुनिधि वर्तमान में St Xavier's College से बीसीए कर रहीं हैं। पढ़ाई के साथ-साथ सुनिधि अपने खूबसूरत कलम से दुनिया में बदलाव लाने की हसरत भी रखती हैं।

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