किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम और दृढ़ संकल्प के साथ खुद पर विश्वास होना चाहिए। आइये जानते है देश की प्रथम महिला IPS किरण बेदी के बारे में।
किरण बेदी का जन्म पंजाब के अमृतसर में 9 जून 1949 को हुआ था। उनके पिताजी का नाम प्रकाश लाल परेशावरिया है। वह पेशे से कपड़े के व्यापारी थे, और साथ ही टेनिस के खिलाड़ी भी थे। उनकी माँ का नाम प्रेमलता है, और वह एक गृहणी थी। किरण तीन बहने थी। तीनों बहन पढ़ने में बचपन से ही बहुत होशियार थी। तीनो बहनें अपने उनके पिता ने भी अपने बेटियों को पढ़ाने के लिए बहुत संघर्ष किया था। किरण बेदी ने अपनी पढ़ाई की शुरुआत अमृतसर के सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल से की थी।

स्कूल के दौरान ही उन्होंने नेशनल कैडेट कॉपर्स (NCC) ज्वाइन किया। अमृतसर के गर्वमेंट कॉलेज फॉर वोमेन से अंग्रेजी विषय में वर्ष 1968 में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने राजनीतिक विज्ञान में पंजाब यूनिवर्सरी से मास्टर की डिग्री प्राप्त की। और लॉ की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी से 1988 पूरा की। किरण बेदी ने सोशल साइंस में PHD 1993 में IIT दिल्ली से की। और ड्रग, एब्यूज एवं डोमेस्टिक वायलेंस पर थीसिस भी लिखी थी।
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एक बार किरण बेदी की टेनिस प्लेयर बृज बेदी से मुलाक़ात हुई। टेनिस प्रैक्टिस के दौरान दोनों में गहरी दोस्ती हुई और उन्होंने 9 मार्च 1972 में शादी कर ली। किरण बेदी को एक बेटी हुई। साल 2016 में उनके पति की मृत्यु कैंसर की वजह से हो गई। किरण बेदी ने अपने करियर की शुरुआत प्रोफेसर के तौर पर की। 1972 में इंडियन पुलिस सर्विसन (IPS) अफसर बन गई। किरण IPS में सेलेक्शन होने के बाद कई महीनों तक राजस्थान के माउंट आबू में ट्रेनिंग ली।

उनकी पहली पोस्टिंग वर्ष 1975 में नई दिल्ली के चाणक्यपुरी पुलिस स्टेशन में उप-मंडल पुलिस अधिकारी के तौर पर हुई। 1981 में वह दिल्ली में डीसीपी के पद पर नियुक्त हुई। उन्होंने शहर के ट्रैफिक व्यवस्था को ठीक करने के लिए बहुत काम कीया और अवैध पार्किंग के खिलाफ कानून बनाये। 1983 में किरण बेदी का तबादला गोवा में ट्रैफिक एसपी के रूप में हुआ। 1984 में दिल्ली में रेलवे सुरक्षा बल के कमांडर के रूप में नियुक्त होने के बाद उन्होंने औद्योगिक विकास विभाग के उप-निदेशक के स्थान पर काम कीया।
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1986 में किरण बेदी ने उत्तरी दिल्ली में डीसीपी के तौर पर कार्य किया। मिजोरम में डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल जे तौर पर वर्ष 1990 में अपनी सेवाएं दी। वर्ष 1993 में उन्हे आइजी के पद पर नियुक्त किया गया। कई पदों पर लगातार काम करते हुए उनकी अंतिम पोस्टिंग वर्ष 2005 में डायरेक्टर जनरल ऑफ इंडिया ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट में हुई। अंततः वर्ष 2007 में उन्होंने पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया। उसके बाद उन्होंने राजनीति में भी अपना कदम रखा। किरण समाज सेवी के साथ-साथ एक सुयोग्य और निडर राज नेता भी है।

उन्होंने वर्ष 2001 में समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के नेतृत्व में चलाए गए ‘इंडिया अर्गेस्ट करप्शन’ आंदोलन में भी भाग लिया। किरण बेदी को पुलिस अधिकारी एवं कई राजनीतिक एवं समाजिक कार्यों के लिए उन्हें देश जानता है। उनके द्वारा लिखी गई क्रिएटिंग लीडरशिप, इट्स ऑलवेज आई डेयर जैसे कई किताबो को लोगो ने खुब पसंद किया है। वर्ष 2014 में उन्हें लो ओरियल पेरिस फेमिना महिला पुरस्कार से सम्मानित किया गया।